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यूनीक हैं वाईएस जगन मोहन रेड्डी

यूनीक हैं वाईएस जगन मोहन रेड्डी, हर बात में अन्य राज्य सरकारों से हैं



हैदराबाद : कहते हैं सत्ता कांटों का ताज होती है, लेकिन आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने एक साल के अपने कार्यकाल में ही यह साबित कर दिया है कि सत्ता जनता के दिल तक पहुंचाने का रास्ता भी बन सकती है। बस यह आप पर निर्भर करता है कि आप इस सत्ता का उपयोग किस तरह करना चाहते हैं। 

मजबूत इच्छाशक्ति और लक्ष्य को पाने की जिद

जी हां, 30 मई 2019 को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर कुर्सी संभालते हुए जगन मोहन रेड्डी ने जितने भी वायदे जनता से किए थे, उसमें से 90 प्रतिशत वायदे उन्होंने अब तक पूरे कर दिए हैं, वह भी कोरोना के संक्रमण और लॉकडाउन के व्यापक असर के बावजूद। असल में, उनके ऐसे ही कार्यों से तो उनकी मजबूत इच्छाशक्ति और अपने लक्ष्य को पाने की जिद की प्रबलता का परिचय मिलता है।

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हमारा शासन आपके सुझाव 

मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के एक साल पूरे होने पर शुक्रवार को वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने 'मन पालन- मी सूचना' यानि हमारा शासन और आपके सुझाव नामक मंथन कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने लोगों से बातचीत करके उनके सुझावों पर गौर फरमाया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग पर एक समीक्षा बैठक भी की, जिसमें सरकार की ओर से चिकित्सा विभाग में उठाए गए कदमों की विस्तार से जानकारी दी।

अपनी सरकार के कई कार्यक्रमों की दी जानकारी

सीएम जगन ने इस अवसर पर 'आरोग्यश्री', अस्पतालों में 'नाडु-नेडु', 104 और 108 सेवा के आधुनिकीकरण, वाहनों की संख्या में बढ़ोत्तरी, गांवों में विलेज क्लिनिक की स्थापना, 'कंटी वेलुगु' के अंतर्गत किए गए आंखों की जांच प्रक्रिया और चिकित्सा समेत कई कार्यक्रमों के बारे में भी विस्तार से बताया। इस दौरान उन्होंने इस ओर भी ध्यान दिलाया कि हर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना और चिकित्सा विभाग में रिक्त पदों की भर्ती जैसे किए गए अपने वायदों को भी वह अमल में ला चुके हैं।

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कोरोना से साथ बढ़ना होगा आगे

सीएम जगन ने इस दौरान दुनिया भर को परेशान कर देने वाले कोरोना वायरस संक्रमण का उल्लेख करते हुए कहा कि भविष्य में हमें कोरोना के साथ ही आगे बढ़ना है। कोरोना आता-जाता रहेगा, हमें इसके साथ ही अब आगे बढ़ने को तैयार रहना होगा। कोरोना संक्रमण से अब किसी को भी डरने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि बुजुर्गों और बीमार लोगों को अवश्य इससे बचाकर रखना चाहिए। साथ ही उनकी विशेष देखभाल की जानी चाहिए। 

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'आरोग्यश्री' के अंतर्गत कई गुना हुई लाभार्थियों की संख्या

सीएम जगन ने कहा कि इस साल स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्र में हम अनेक बदलाव लेकर आए हैं। उन्होंने कहा, "'आरोग्यश्री' राशि की सीमा को 5 लाख से कम आय वालों के लिए लागू करके तकरीबन 1.42 करोड़ लोगों को इसके अंतर्गत शामिल कर लिया गया है। इस समय 'स्पीच थेरेपी' जैसी लगभग दो हजार बीमारियों को 'आरोग्यश्री' में शामिल किया गया है। खास यह है कि 'आरोग्यश्री' को हैदराबाद, बेंगलुरू और चेन्नई के सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों में भी लागू किया गया है। नेटवर्क और अस्पतालों में पिछली सरकार का जो बकाया था, उसका भी भुगतान किया जा चुका है।

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उद्योग जगत में बढ़ाई पारदर्शिता

मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने एक बार फिर सभी को आश्वस्त किया है कि वह ईमानदारी और पूरी कटिबद्धता के साथ सबके साथ खड़े हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने सारे वायदे पूरे करेंगे। उद्योग जगत की बात करें तो देश के किसी भी राज्य में अब तक जुडिशियल प्रिव्यू कमीशन स्थापित नहीं किया गया है। उन्होंने रिवर्स टेंडरिंग सिस्टम लागू करके उद्योग जगत में पारदर्शिता बढ़ाई है।

हर तरह से बेहतर है आंध्र प्रदेश

जहां तक पुलिस प्रशासन की बात है तो पूरे देश के मुकाबले आंध्र प्रदेश की पुलिस व्यवस्था सबसे बेहतर मानी जाती है। यही नहीं, आंध्र प्रदेश में बिजली की भी कमी नहीं है। वहां बैंकिंग व्यवस्था भी अन्य राज्यों के मुकाबले ज्यादा मजबूत मानी जाती है। उद्योग स्थापित करने के लिए सरकार जमीन देने को तैयार है। औद्योगिक क्षेत्र में स्थानीय लोगों को 75 फीसदी नौकरियां देने के लिए कानून बनाया गया है। उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए अनेक कार्यक्रम किए जा रहे हैं। 

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उद्योग जगत को बेहतर और रोजगारोन्मुखी बनाने की है तैयारी
 
जगन मोहन रेड्डी ने कहा, "प्रदेश में 13 हजार 122 लघु, सुक्ष्म और मध्यम उद्योग हैं। इस समय 11,500 करोड़ की लागत से 1,466 कंपनियां राज्य में उद्योग स्थापित करने को तैयार हैं। इसके अलावा 23 प्रमुख कंपनियां भी प्रदेश में निवेश करने के लिए तैयार हैं। लगभग 90 हजार लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योग को बरकरार रखना है। इन उद्योगों के बरकरार रहने पर ही रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। साल 2014-19 तक लंबित बकाया के साथ लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योग के सुरक्षा के लिए 968 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके पहले चरण के रूप में 450 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योग को 1,200 करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया है। 15 हजार करोड़ रुपये की लागत से कडपा स्टील प्लांट को स्थापित किया गया है। स्टील प्लांट के विकास के लिए निजी कंपनियां अगर आगे आती हैं तो उनके साथ काम करने के लिए हम तैयार हैं।"

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सत्ता संभालते ही किए थे कई बेहतरीन निर्णय

आंध्र प्रदेश की कुर्सी संभालते ही मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने किसानों के लिए बड़ा ऐलान किया था। राज्य में 15 अक्टूबर से 'रायतू भरोसा' योजना लागू की गई थी। इस योजना के तहत किसानों को हर साल 12,500 रुपये दिए जाते हैं। 

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पांच उप-मुख्यमंत्री बनाने का फैसला था ऐतिहासिक 

एक साल पहले जब वह मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे थे, तभी उन्होंने अपने लिए यह लक्ष्य तय कर लिया था कि एक साल के अंदर-अंदर वह देश के किसी भी राज्य के मुकाबले खुद को बेहतर सीएम के तौर पर स्थापित कर पाएं। यही वजह थी कि उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में पांच उप मुख्यमंत्री बनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था। इसमें एक अनुसूचित जाति, एक अनुसूचित जन जाति, एक पिछडी जाति, एक अल्पसंख्यक वर्ग और एक अन्य उप मुख्यमंत्री कापू समुदाय से हैं। पांच उप मुख्यमंत्री बनाने के पीछे सभी समुदायों की ओर सरकार का बराबर-बराबर ध्यान रखा जाना भी एक बडा कारण था। 175 लोगों के हाउस में 25 या 26 मंत्री बनाने का फैसला भी उन्होंने तभी ले लिया था।

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गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए 'अम्मा वोडी' स्कीम के तहत मां को मदद

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने माताओं के लिए देश में अपनी तरह की एक खास स्कीम लॉन्च की है। 'अम्मा वोडी' स्कीम के तहत बच्चों की शिक्षा के लिए मां को सालाना 15 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। अम्मा वोडी स्कीम राज्य की गरीब और जरूरतमंद माताओं की उनके बच्चों को शिक्षा देने में मदद करने के लिए जगन सरकार की एक बेहतरीन पहल मानी जाती है। स्कीम में राज्य की लगभग 43 लाख माताओं के खाते में यह राशि 82 लाख बच्चों के फायदे के लिए डाली जा रही है।मुख्यमंत्री ने कहा कि इस स्कीम के तहत लगभग  6,318 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। यह अपनी तरह की पहली ऐसी सरकारी योजना है, जिससे निकट भविष्य में आंध्र प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव आने की उम्मीद की जा रही है।

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शैक्षणिक संस्थानों के इंफ्रास्ट्रक्चर में होगा सुधार

रेड्डी ने सरकारी शैक्षणिक संस्थानों के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करने के लिए कदम आगे बढाया है। इसके लिए 14,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। राज्य के 45,000 सरकारी स्कूलों, 471 जूनियर कॉलेजों, 148 डिग्री कॉलेजों और हॉस्टलों का चरणबद्ध तरीके से आधुनिकीकरण किया जा रहा है। 

सभी स्कूलों में पहली कक्षा से ही अंग्रेजी मीडियम में पढ़ाई 

आंध्र प्रदेश के सभी स्कूलों में पहली कक्षा से ही  अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कराए जाने को राज्य की जगन सरकार ने पहले ही मंजूरी दे दी है। आंध्र प्रदेश सरकार में स्कूल शिक्षा के कमिश्नर को अनुमति दी गई कि सभी सरकारी, एमपीपी स्कूलों, जिला परिषद के स्कूलों और सभी कक्षाओं को अंग्रेजी माध्यम से चलाया जाए। इसे पहली से आठवीं तक की कक्षाओं के लिए शिक्षा सत्र 2020-21 से और नौवीं से 12वीं तक की कक्षाओं के लिए सत्र 2021-22 में शुरू किया जाए। हालांकि सभी स्कूलों में शिक्षा के वर्तमान माध्यम के आधार पर तेलुगू या उर्दू को अनिवार्य विषय बनाने के लिए उचित प्रयास करने पर भी जोर दिया गया था।

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मिड डे मील स्कीम को भी बनाया बेहतर

मुख्यमंत्री जगन ने राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में मिड डे मील स्कीम को बेहतर करने के लिए 360 करोड़ रुपये खर्च किया है। उनके मुताबिक इससे मिड डे मील के खाने की गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा।

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गरीब छात्रों के लिए फीस रिम्बर्समेंट किया

मुख्यमंत्री रेड्डी ने राज्य में सभी अनुसुचित जाति, अनुसुचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग, कापू, अक्षम, अल्पसंख्यक और आर्थिक रूप से गरीब छात्रों के लिए फीस रिम्बर्समेंट करने का ऐलान भी किया। यह राज्य में ग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए भी लागू होगा।

यकीनन आगाज़ अगर ऐसा है तो अंजाम क्या होगा, इसकी कल्पना आसानी से की जा सकती है। तभी तो कहा जा रहा है कि बिल्कुल यूनीक है वाईएस जगन मोहन रेड्डी और उनकी सरकार।

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— सुषमाश्री