ट्रेन के रास्ता भटककर नौ दिन में गुजरात से बिहार पहुंचने की खबर को रेलवे ने बताया गलत, कहा- ये फेक न्यूज

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नई दिल्ली। रेलवे की ओर से कहा गया है कि एक ट्रेन के गुजरात से बिहार पहुंचने में 9 दिन लगने की खबरें गलत हैं। शुक्रवार को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने कहा कि मीडिया में इस तरह की खबरे हैं कि सूरत से सीवान के लिए चली रेल नौ दिन में पहुंची। ये फेक न्यूज है। ट्रेन दो दिन में ही पहुंची थी। उन्होंने बताया कि अभी तक चली 3840 ट्रेनों में से सिर्फ चार ऐसी हैं जिन्होंने 72 घंटे से ज्यादा अपने गंतव्य तक पहुंचने में लिए हैं।

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हाल ही में ऐसी खबर आई थी कि गुजरात के सूरत से करीब दो हजार मजदूरों को लेकर सीवान के लिए चली ट्रेन रास्ता भटक गई और वह सीवान आने की बजाय उड़ीसा के राउरकेला चली गई। ट्रेन एक सप्ताह तक दूसरे राज्य में भटकती रही और यह ट्रेन 9 दिनों में सीवान पहुंची। इसको लेकर रेलवे को काफी आलोचनाका सामना करना पड़ा था। अब रेलवे ने इसे सिरे से खारिज कर दिया।

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने कहा है कि भारतीय रेलवे ने अपने डॉक्टर भेजकर ट्रेन में 30 से ज़्यादा डिलीवरी कराई हैं। रेलवे के डॉक्टरों और नर्सों ने 24 घंटे काम करके जहां जरूरत है वहां पहुंच कर डिलीवरी कराई उन्हें अस्पताल, घर में शिफ्ट किया। उन्होंने बताया कि 28 मई तक 3,840 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चली हैं, जिनमें करीब 52 लाख यात्री जा चुके हैं। पिछले एक हफ्ते में 1,524 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलीं और करीब 20 लाख यात्री घरों को पहुंचे। पिछले एक हफ्ते में हर दिन करीब 3लाख प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया है।

रेलवे बोर्ड चेयरमैन ने कहा, रेलवे ओरिजनेटिंग राज्य (जिस राज्य से ट्रेन चलती है) की मांग के हिसाब से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें उपलब्ध करा रहा है और धीरे-धीरे ऐसा लग रहा है कि ओरिजनेटिंग राज्य की मांग कम होने लगी है। 24 मई को हमने सब राज्य सरकारों से उनकी ट्रेनों की जरूरत ली थी, ये करीब 923 ट्रेनों की थी। कल हमने फिर राज्य सरकारों से बात करके उनकी ट्रेनों की जरूरत ली, आज केवल 449 ट्रेनों की जरूरत है।

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