टिड्डी दल के हमले से बचने के लिए करें ऐसा, Agriculture Department ने जारी की एडवाइजरी
टिड्डी दल के हमले को लेकर हिमाचल में अलर्ट है जारी
सोलन। टिड्डी दल के संभावित हमले को लेकर हिमाचल में अलर्ट जारी किया गया है। हिमाचल के कांगड़ा, ऊना, बिलासपुर और सोलन जिले हाई अलर्ट पर हैं। हिमाचल कृषि विभाग (Agriculture Department) भी सतर्क हो गया है। प्रदेश में फसलों को टिड्डी दल के हमले से बचाने के दृष्टिगत कृषि विभाग सोलन ने किसानों के लिए आवश्यक परामर्श (Advisory) जारी किया है। उपनिदेशक कृषि डॉ. पीसी सैनी ने कहा कि यह टिड्डी दल हवा के साथ क्षेत्र विशेष में पहुंचता है। उन्होंने कहा कि जब यह टिड्डी दल (Tiddi Dal) किसी विशेष क्षेत्र में पहुंचता है तो तुरंत इसका उपचार रसायन इत्यादि के साथ किया जाना चाहिए। उपनिदेशक कृषि ने कहा कि टिड्डी दल का समूह एक दिन में 150 से 200 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है। इनका समूह एक वर्ग किलोमीटर से कई सौ किलोमीटर तक का होता है। यह समूह दिन में उड़ता है तथा रात को किसी जगह बैठकर विश्राम करता है।
ड्रम व बर्तनों आदि से तेज आवाज निकालकर भी इन्हें रखा जा सकता है दूर
डॉ. पीसी सैनी ने कहा कि भारत में टिड्डी दल का समूह पाकिस्तान (Pakistan) की तरफ से राजस्थान के रास्ते प्रवेश कर गया है। फसल को इनके कारण होने वाले व्यापक नुकसान के दृष्टिगत हिमाचल के कुछ जिलों में इस संबंध में चेतावनी जारी की गई है। उन्होंने कहा कि सोलन (Solan) जिला के लिए भी यह चेतावनी जारी की गई है। डॉ. पीसी सैनी ने कहा कि उचित प्रबंधन से किसान टिड्डी दल को खेतों से दूर रख सकते हैं। प्रभावित खेतों के आसपास कृषक ड्रम अथवा बर्तनों इत्यादि से तेज आवाज निकाल कर टिड्डी दल को फसल से दूर रख सकते हैं।
खेत में फसल से दूर जलाएं आग
उन्होंने कहा कि टिड्डी दल के समूह पर कलोरपायरीफॉस 20 ईसी (ईमल्सीफाइड कन्सनट्रेशन) का 2.5 मिलीलीटर प्रति लीटर जल में मिलाकर अथवा मेलाथियॉन (यूएलबी) का 10 मिलीलीटर प्रति लीटर जल में मिलाकर या लैम्ब्डा सयलोथ्रिन 4.9 प्रतिशत सीएस का 10 मिलीलीटर प्रति लीटर जल में मिलाकर ट्रेक्टर माउंटेड स्प्रेयर अथवा रोकर स्प्रेयर से छिड़काव करें। यह छिड़काव शाम अथवा रात के समय करें, क्योंकि टिड्डियां रात के समय बैठकर आराम करती हैं। उन्होंने कहा कि किसान खेत में फसल से दूर आग जला सकते हैं, जिसमें टिड्डी दल आकर्षित होकर जलकर समाप्त हो जाएगा। उन्होंने आग्रह किया कि किसान विभाग द्वारा इस संबंध में जारी किए गए परामर्श का अनुसरण करें, ताकि टिड्डी दल के हमले की संभावना में क्षति को न्यून किया जा सके।