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महाराष्ट्र: मरीजों को भर्ती करने से अस्पताल का इनकार, प्रशासन ने किया सील

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कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच महाराष्ट्र के ठाणे जिले के मुंब्रा के तीन अस्पतालों को गैर-कोविड रोगियों को भर्ती करने से इनकार करना महंगा पड़ गया। नगर निकाय प्रशासन ने इन अस्पतालों के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद हॉस्पिटल को सील कर दिया है। ये तीनों अस्पताल कोरोना वायरस के बढ़ते मामले को देखते हुए गैर-कोविड-19 मरीजों को भर्ती नहीं कर रहे थे।

ठाणे नगर निगम के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि तीनों अस्पताल बेड की उपलब्धता के बावजूद गर्भवती महिलाओं और अन्य गैर-कोविड रोगियों को भर्ती नहीं कर रहे थे और इन अस्पतालों पर ज्यादा शुल्क लेने के भी आरोप लगाये गये थे। बता दें कि महाराष्ट्र का ठाणे जिला भी कोरोना वायरस की चपेट में हैं।

वहीं, बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि हालांकि उसका निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम के वित्तीय प्रबंधन पर कोई नियंत्रण या अधिकार नहीं है, लेकिन उसने कोविड-19 मरीजों के लिए बेड और आईसीयू के शुल्क की सीमा तय की है। 

बीएमसी ने एक हलफनामा शहर निवासी सारिका सिंह की ओर से दायर उस जनहित याचिका के जवाब में दायर किया जिसमें दावा किया गया था कि यहां निजी अस्पताल या तो कोविड-19 मरीजों को भर्ती नहीं कर रहे हैं या उनके इलाज के लिए अधिक शुल्क वसूल रहे हैं।

हलफनामे में कहा गया है कि बीएमसी, निजी इकाइयों और गैर सरकारी संगठनों के साथ समन्वय को लेकर हर कदम उठा रही है। इसमें कहा गया है कि बीएमसी कोविड-19 महामारी से निपटने और मुंबई के नागरिकों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा की रक्षा करने के लिए सभी कदम उठा रही है और उपलब्ध सभी संसाधनों का इस्तेमाल कर रही है।