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कोरोना काल के दौरान भी ममता सरकार और केंद्र में दिखती रही है तनातनी

लॉकडाउन को लेकर केंद्र के ऐलान से पहले ममता ने खोला पश्चिम बंगाल, किए कई ऐलान

केंद्र सरकार लगातार मंथन कर रही है कि देश में लॉकडाउन को आगे बढ़ाना है या नहीं. लेकिन केंद्र सरकार किसी निर्णय पर पहुंचती उससे पहले ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल को लगभग-लगभग पूरी तरह खोल देने का ऐलान कर दिया है.

देश में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया था. भारत में लॉकडाउन कई चरणों वाला रहा. लॉकडाउन के पहले और दूसरे चरण में काफी सख्ती रही, लेकिन बाद के चरणों में थोड़ी-थोड़ी सहूलियतें भी दी गईं. अब लॉकडाउन 4 भी अपने अंतिम दौर में है. 31 मई को लॉकडाउन का यह चरण खत्म हो जाएगा. केंद्र सरकार लगातार मंथन कर रही है कि देश में लॉकडाउन को आगे बढ़ाना है या नहीं. लेकिन केंद्र सरकार किसी निर्णय पर पहुंचती उससे पहले ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल को लगभग पूरी तरह खोल देने का ऐलान कर दिया है.

शुक्रवार को कोरोना संकट को लेकर हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने राज्य में लॉकडाउन से जुड़े कई अहम फैसलों की घोषणाएं कीं हैं. ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि 1 जून से राज्य में सभी धार्मिक स्थल खोल दिए जाएंगे. यानी पश्चिम बंगाल में अब धार्मिक स्थलों में अब श्रद्धालुओं की भी एंट्री हो सकेगी. हालांकि इसके लिए कुछ नियम भी लगाए गए हैं. जैसे एक समय में सिर्फ 10 लोग ही जा सकेंगे और सैनिटाइजेशन की पूरी व्यवस्था इत्यादि. इसके अलावा राज्य में 8 जून से सभी सरकारी और गैर सरकारी दफ्तर भी खोल दिए जाएंगे, इसके लिए कर्मचारियों की कोई संख्या भी सीमित नहीं रखी गई है यानी सभी कर्मचारी अब ऑफिस जा सकेंगे.

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ममता बनर्जी ने इसके साथ ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य के सभी राजमार्ग और जिले की सड़कों को भी दोबारा खोल देने की घोषणा भी की है. ममता ने इसके अलावा जूट इंडस्ट्री से भी जुड़ा एक अहम कदम उठाया है. ममता बनर्जी ने शुक्रवार के अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एक जून से राज्य में जूट इंडस्ट्री को दोबारा खोल दिया जाएगा. जूट इंडस्ट्री में भी सभी कर्मचारियों को वापस काम पर जाने की छूट दे दी गई है. यानी स्कूल, कॉलेज और कोचिंग क्लास जैसी चीजों को छोड़कर पश्चिम बंगाल में लगभग सबकुछ खोलने का ऐलान कर दिया गया है. जबकि अभी लॉकडाउन के चौथे चरण के अंतिम दो दिन बचे ही हैं. और गृह मंत्रालय अभी इस बात पर मंथन कर रहा है कि लॉकडाउन 5 लागू करना है या नहीं.

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अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में रेलवे पर निशाना साधते हुए ममता ने कहा क्या श्रमिक एक्सप्रेस के नाम पर वे लोग इसे कोरोना एक्सप्रेस में बदलना चाहते हैं. आपके पास पर्याप्त क्षमता है. मैं भी रेल मंत्री रह चुकी हूं, मैं जानती हूं. अतिरिक्त ट्रेनें क्यों नहीं चलाई जा रही हैं. बोगियां बढ़ाइये, राज्य सरकार पूरा खर्च उठाएगी. अभी भी ये लोग अमानवीय परिस्थितियों में घंटों की तकलीफदेह यात्रा कर रहे हैं. श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों पर तंज करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि गांव वाले इससे डर रहे हैं. वो कहते हैं कोरोना एक्सप्रेस आ गया.

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ममता बनर्जी ने प्रवासी मजदूरों का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि प्रवासी मजदूर वापस आ रहे हैं. लेकिन मैं पूछना चाहती हूं कि बिना सोशल डिस्टेंसिंग के उन्हें ट्रेनों में क्यों पैक किया जा रहा है?? वे सभी हॉटस्पॉट... महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, दिल्ली... कहां से आ रहे हैं. इसलिए जब ट्रेनें इन्हीं स्थानों से आ रही हैं तो रेलवे अतिरिक्त ट्रेन क्यों नहीं चला सकती है, ताकि उनमें कुछ सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे. अपना हमला जारी रखते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि ट्रेन में तो खाना है न ही पानी है... इन प्रवासियों को गाड़ियों के अंदर पैक कर दिया जा रहा है. कभी-कभी क्षमता से दोगुना लोग बैठाए जा रहे हैं.

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