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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो-PTI)

अजीत जोगी के निधन पर PM मोदी ने जताया दुख, कहा- नौकरशाह और नेता के रूप में कड़ी मेहनत की

पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि अजीत जोगी को जनसेवा का शौक था. उन्होंने नौकरशाह और एक नेता के रूप में कड़ी मेहनत की. वह गरीबों, विशेषकर आदिवासी समुदाय के जीवन में एक सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रयासरत रहे. उनके निधन से दुखी हूं. उनके परिवार के प्रति संवेदना.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन पर दुख जताया है. पीएम मोदी ने कहा कि अजीत जोगी के निधन से दुखी हूं. उनके परिवार के प्रति संवदेना. अजीत जोगी का शुक्रवार को 74 साल की उम्र में निधन हो गया. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे. दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें रायपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वह 20 दिन से अस्पताल में भर्ती थे.

पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि अजीत जोगी को जनसेवा का शौक था. उन्होंने नौकरशाह और एक नेता के रूप में कड़ी मेहनत की. वह गरीबों, विशेषकर आदिवासी समुदाय के जीवन में एक सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रयासरत रहे. उनके निधन से दुखी हूं. उनके परिवार के प्रति संवेदना.

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वहीं, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी अजीत जोगी के निधन पर दुख जताया है. उन्होंने ट्वीट किया कि छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी जी के निधन से दुखी हूं. मैं उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं. मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिवार के साथ हैं. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें और इस कठिन घड़ी में उनके परिजनों को संबल प्रदान करें.

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बहुजन समाज की प्रमुख मायावती ने ट्वीट किया कि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के नेता व आदिवासी बाहुल्य छत्तीसगढ़ राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन की खबर अति-दुखद है. उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना. वे काफी लम्बे समय तक सार्वजनिक जीवन में सक्रिय रहे. कुदरत उनके परिवार व समर्थकों को इस दुख को सहन करने की शक्ति दे.

बता दें कि अजीत जोगी की तबीयत में बीते कई दिनों से उतार-चढ़ाव आ रहा था. सांस लेने में तकलीफ महसूस होने के बाद उन्हें 9 मई को रायपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तब डॉक्टरों ने कहा था कि उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ है. हालात को बिगड़ता देख डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर पर रखा था. अस्पताल में भर्ती होने से पहले उन्होंने प्रवासी मजदूरों के हालत पर ट्वीट किया था और केंद्र सरकार से मांग की थी कि जैसे विदेशों में फंसे मजदूरों को लाने के लिए वंदे भारत चालू किया गया है वैसे ही मजदूरों को घर तक पहुंचाने के लिए अभियान शुरू किया जाना चाहिए.