पड़ोसी राज्यों से टिड्डी दल के हमले को लेकर Himachal में अलर्ट
आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए फील्ड अधिकारियों को तैयार रहने के आदेश
शिमला। कोरोना संकंट के बीच पड़ोसी राज्यों से टिड्डी दल ( Tiddi dal)के संभावित हमले के मद्देनजर हिमाचल ( Himachal) में भी अलर्ट( Alart) जारी किया गया है। यह जानकारी कृषि मंत्री रामलाल मार्कंडेय 9 Agriculture Minister Ramlal Markanda) ने दी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सूचना मिल रही है कि पड़ोसी राज्यों के बाद प्रदेश के निचले इलाकों में फसलों को टिड्डी दल नुकसान पहुंचा सकते हैं, उसके मद्देनजर सरकार ने अधिकारियों के बैठक कर छिड़काव के लिए दवाएं मंगवाई है। पड़ोसी राज्यों से सटे ऊना, कांगड़ा, सोलन व नालागढ़ के इलाकों में टिड्डी दल के हमले की संभावना है। कृषि विभाग टिड्डियों की गतिविधियों पर निरंतर नजर रखे हुए हैं तथा किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए फील्ड अधिकारियों को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
कृषि मंत्री ने बताया कि यह रेगिस्तानी टिड्डे आमतौर पर हवा के साथ लगभग 16 से 19 किमी प्रति घंटे की गति से हवा के साथ उड़ते हैं और एक दिन में लगभग 5 से 130 किमी या इससे अधिक की दूरी तय कर सकते हैं। इसके बचाव के लिए 30 लीटर पानी में 200 ग्राम मैथेरिजियम और बॉवरिया जैसे जैव कीटनाशक का घोल बना कर छिडकाव करने के आदेश दिए गए है। उन्होंने कहा कि जैव नियंत्रण प्रयोगशाला, कांगड़ा और मंडी को इन जैव कीटनाशकों को पर्याप्त मात्रा में तैयार करने के निर्देश दिए गए है।
मार्कंडेय ने कहा कि राज्य में बारिश, तूफ़ान व ओलावृष्टि से काफी नुकसान हुआ है। अप्रैल से मई मध्य तक हिमाचल प्रदेश में बारिश, तूफ़ान ओलावृष्टि से 52 करोड़ का नुकसान हो चुका है। जबकि ताज़ा नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। समय समय पर नुकसान की रिपोर्ट दी जाती है। इतनी ही नहीं प्रदेश सरकार भी नुकसान की भरपाई किसानों को करती रहती है। मार्कंडेय ने कहा कि लॉकडाउन के चलते प्रदेश में फसलें बरबाद न हो इसके लिए भी सरकार ने इंतजाम किए है। आढ़ती बागवानों- किसानों तक पहुंचे इसके प्रबंध हो रहे हैं। किसान- छोटे- छोटे समूह बना कर अपने उत्पाद वहां पर स्टोर कर सकते हैं। ताकि बाहर से आने वाले आड़तियों को भी आसानी हो और किसान बागवान के उत्पाद घर बैठे बिक सकें।