29 को जन्म, 29 को ही निधन, अजीत जोगी के जीवन में 2 नंबर का रहा ऐसा नाता
अजीत जोगी ने दो बार विधानसभा चुनाव भी जीता और दो पार्टियों में रहे. उनका जन्म 29 अप्रैल 1946 को हुआ और 29 मई 2020 को उन्होंने अंतिम सांस ली. इस तरह उनके जन्म की तारीख यानी 29 अप्रैल और निधन की तारीख यानी 29 मई में 2 अंक आते हैं. अजीत जोगी साल 2000 में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने और 2020 में अंतिम सांस ली.
- अजीत जोगी 2 बार लोकसभा सांसद और 2 बार राज्यसभा सांसद रहे
- साल 2000 में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने और 2020 में निधन हो गया
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का 74 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. उनको दिल का दौरा पड़ने के बाद 9 मई को रायपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कलेक्टर बनने से लेकर मुख्यमंत्री तक का सफर तय करने वाले अजीत जोगी की जिंदगी में 2 अंक लकी और बेहद खास रहा. वो 2 बार लोकसभा सांसद चुने गए और दो बार राज्यसभा सांसद रहे.
अजीत जोगी ने दो बार विधानसभा चुनाव भी जीता और दो पार्टियों में रहे. उनका जन्म 29 अप्रैल 1946 को हुआ और 29 मई 2020 को उन्होंने अंतिम सांस ली. इस तरह उनके जन्म की तारीख यानी 29 अप्रैल और निधन की तारीख यानी 29 मई में 2 अंक आते हैं. अजीत जोगी साल 2000 में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने और 2020 में अंतिम सांस ली. उनके मुख्यमंत्री बनने के साल यानी 2000 और निधन के साल यानी 2020 में भी 2 अंक आता है.
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जब अजीत जोगी का निधन हुआ, तब छत्तीसगढ़ के गठन के भी 20 साल हुए. इस तरह अजीत जोगी के जीवन में 2 अंक का नाता हमेशा रहा. दो बार राज्यसभा सदस्य और दो बार लोकसभा सदस्य के अलावा एक बार मुख्यमंत्री रहने और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रहने का रिकॉर्ड भी अजीत जोगी के नाम दर्ज है.
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शुक्रवार को अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी ने ट्वीट कर अपने पिता के निधन की जानकारी दी. उन्होंने लिखा, '20 वर्षीय युवा छत्तीसगढ़ राज्य के सिर से आज उसके पिता का साया उठ गया. केवल मैंने ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ ने नेता ही नहीं, अपना पिता खोया है. अजीत जोगी ढाई करोड़ लोगों के अपने परिवार को छोड़कर, ईश्वर के पास चले गए. गांव-गरीब का सहारा, छत्तीसगढ़ का दुलारा, हमसे बहुत दूर चला गया.'
बीते कई दिनों से अजीत जोगी की तबीयत में उतार-चढ़ाव आ रहा था. सांस लेने में तकलीफ के बाद उनको रायपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उस समय डॉक्टरों ने कहा था कि उनको दिल का दौरा पड़ा है. इसके बाद जब स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ, तो डॉक्टरों ने उनको वेंटिलेटर पर रखा था.
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अजीत जोगी ने अस्पताल में भर्ती होने से पहले प्रवासी मजदूरों के हालत को लेकर ट्वीट किया था और केंद्र सरकार से मांग की थी कि जैसे विदेशों में फंसे लोगों को लाने के लिए वंदे भारत मिशन चलाया गया है, वैसे ही मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए मिशन शुरू किया जाना चाहिए.