LAC पर अगले 72 घंटे तनावपूर्ण, चीन की तरफ मशीन गन से लेकर टैंक्स तक तैनात
by Richa Bajpaiनई दिल्ली। एक तरफ चीन और भारत राजनयिक स्तर पर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर हालातों को सामान्य करने में लगे हुए हैं तो दूसरी ओर पूर्वी लद्दाख में सीमा के दूसरी तरफ चीन की तैयारियां किसी जंग से कम नहीं लग रही हैं। इंडियन एक्सप्रेस ने सैटेलाइट तस्वीरों के हवाले से जानकारी दी है कि एलएसी के दूसरी तरफ चीन ने गलवान घाटी के विपरीत दिशा में बख्तरबंद गाड़ियां, गोला-बारूद और भारी सैनिक तैनात कर रखे हैं।
चीन की तरफ मौजूद 16 टैंक्स
सूत्रों की मानें तो चीन की इस तैयारी ने भारत की तरफ से जवानों की तैनाती को ऐसी जगह ला दिया है जहां से हमला किसी भी पल संभव हो सकता है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक कम से 16 टैंक्स, ट्रक, जेसीबी जैसी नजर आने वाली मशीनें, डंपर ट्रक इन सैटेलाइट तस्वीरों में नजर आ रहे हैं। सूत्रों की मानें तो इन तस्वीरों से तो ऐसा ही लगता है कि चीन की तरफ अपनी सीमा में स्थायी तौर पर तैयारियां हो रही हैं। सूत्रों ने बताया, 'बंकर्स, ट्रूप्स के अलावा इस समय मशीन गन भी रखी हुई है। इससे पता लगता है कि चीनी सेना को आक्रामकता का अनुमान है और इसलिए उन्होंने भी रक्षात्मक तैयारी कर ली है।'
चीन को जवाब देने की तैयारी पूरी
भारत की तरफ से एलएसी पर चीन को जवाब देने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। भारत अब दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी पर बन रही सड़क को चीन की तरफ से होने वाले खतरे को लेकर भी चिंतित है। गलवान नदी पर बना रास्ता भारत ने अपनी तरफ बनाया है। इस 255 किलोमीटर लंबी सड़क का उद्घाटन पिछले वर्ष रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया था। इसके साथ हा श्योक नदी पर इस रास्ते पर बने 1400 फीट ऊंचे पुल का उद्घाटन भी रक्षा मंत्री ने किया है। बुधवार को चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया था कि सीमा पर हालात स्थिर और नियंत्रण में हैं।
पूर्वी लद्दाख में सेना हाई अलर्ट पर
भारत की तरफ से भी पूर्वी लद्दाख में चीन के किसी भी कदम पर नजर रखी जा रही है। एक अधिकारी के हवाले इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि अगले 72 घंटे बहुत ही नाजुक हैं। इस दौरान सेना लगातार नजर रखे हैं कि चीन की तरफ सैनिकों और उपकरण की संख्या में कमी की जाएगी या नहीं। अभी तक चीनी सैनिकों की तैनाती में कोई बदलाव नहीं हुआ है। एलएसी पर इंडियन आर्मी हाई अलर्ट पर है और उसकी तरफ से भी कोई बदलाव नहीं हुआ है। वहीं एक अधिकारी ने कहा कि राजनयिक स्तर पर बीजिंग में कुछ सफलता मिली है।
राजनयिक स्तर पर मसला सुलझाने की कोशिशें
दोनों पक्ष बात कर रहे हैं और सेना ने स्थिति संभाली हुई है। सैन्य स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। गलवान वैली इलाके में हालात जस के तस बने हुए हैं। अब चीन के अगले कदम का इंतजार किया जा रहा है। भारत और चीन के बीच तीन साल बाद रिश्ते फिर से तनावपूर्ण हो गए हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि साल 1962 में जब दोनों देशों के बीच जंग हुई थी तो उसके बाद से पहला मौका है जब चीन से सटे बॉर्डर पर हालात इतने तनावपूर्ण बने हैं।
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