कोरोना काल में मिट्टी के बर्तन बनाने वालों की चांदी, ये है वजह

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पिछले लंबे समय से कोरोना वायरस की मार झेल रहे पंजाब के लोगों को अब गर्मी की मार झेलनी पड़ रही है. तरनतारन में पारा 40 डिग्री सेल्सियस के करीब है. लोग गर्मी से निजात पाने के लिए मिट्टी के घड़े खरीदने में लगे हुए हैं. जिसकी वजह से मिट्टी के बर्तन बनाने वाले लोगों की चांदी हो गई. लगातार मिट्टी के घड़े की मांग बढ़ रही है. लोगों का मानना है कि कोरोना वायरस की महामारी के दौरान फ्रिज का पानी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है.

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पूरे उत्तर भारत में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है. वहीं, पंजाब में कई इलाकों में गर्म लू भी चल रही है जिसकी वजह से मौसम और भी गरम हो गया है. दूसरी तरफ, तरनतारन में पारा 40 डिग्री तक पहुंच गया है और आने वाले समय में 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच सकता है. तरनतारन के लोग गर्मी से निजात पाने के लिए मिट्टी के घड़े खरीद रहे हैं.

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इससे मिट्टी के बर्तन बनाने वाले लोगों का धंधा चल पड़ा है जो लॉकडाउन में पूरी तरह ठप हो गया था. मगर जैसे ही गर्मी ने जोर पकड़ा तो इनके काम में भी तेजी आ गई. करोना वायरस के कारण ज्यादातर लोग फ्रिज के ठंडे पानी को पीने से कतरा रहे हैं और मिट्टी के घड़े की खूब बिक्री हो रही है.

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मिट्टी के बर्तन खरीदने आए कुछ ग्राहकों का कहना है कि जो मजा मिट्टी के बर्तन में पानी ठंडा कर पीने में है, वह फ्रिज के पानी में नहीं आता. उनका कहना है कि बहुत सारे तत्व तो उन्हें मिट्टी के बर्तन के जरिए मिलते हैं और कोरोना वायरस के कारण इस समय फ्रिज का ठंडा पानी पीना सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. ऐसे में घड़े का पानी बेहतर विकल्प है.

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तरनतारन में बहुत सारे लोग मिट्टी के बर्तन बनाकर बेचने के व्यवसाय में जुड़े हुए हैं और यहां से ही मिट्टी के बर्तन तैयार होकर पंजाब के अलग-अलग शहरों में जाते हैं. कोरोना वायरस के कारण इनका कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो गया था. मगर जैसे ही गर्मी का प्रकोप बढ़ना शुरू हुआ वैसे ही मिट्टी के बर्तन बनाने वालों की चांदी हो गई है.