https://images1.livehindustan.com/uploadimage/library/2020/05/28/16_9/16_9_1/four_new_corona_patients_found_in_chitrakoot_1590669317.jpg

संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी, अकल्पनीय तबाही का कारण बनेगी कोविड-19 महामारी, वैश्विक उत्पादन में हो सकता है 8500 अरब डॉलर का नुकसान

by

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने चेतावनी दी है कि कोविड-19 महामारी अकल्पनीय तबाही का कारण बन सकती है और इससे भीषण भूख और अकाल की शुरूआत हो सकती है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस महामंदी का अगर सभी राष्ट्रों ने मिलजुलकर जवाब नहीं दिया तो वैश्विक उत्पादन में 8500 अरब डॉलर की कमी होगी। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने गुरुवार को विकास के लिए वित्त पोषण पर उच्च-स्तरीय कार्यक्रम में कहा, ''हमें इससे बचना चाहिए। महामारी ने हमारी कमजोरी को सामने ला दिया है। हाल के दशकों की सभी तकनीकी और वैज्ञानिक प्रगति के बावजूद हम एक सूक्ष्म वायरस के कारण एक अभूतपूर्व मानवीय संकट में हैं। उन्होंने एकजुटता के साथ इस अभूतपूर्व संकट का जवाब देने की जरूरत पर जोर दिया।

बिना आजीविका के होंगे 1.6 अरब लोग

गुटेरेस ने कहा, ''यदि हम अभी कार्रवाई नहीं करेंगे तो कोविड-19 महामारी दुनिया भर में अकल्पनीय तबाही और पीड़ा की वजह बनेगी। भयानक भूख और अकाल की स्थिति होगी। छह करोड़ से अधिक लोग अत्यधिक गरीबी में चले जाएंगे। करीब आधा वैश्विक कार्यबल यानी 1.6 अरब लोग बिना आजीविका के होंगे।  उन्होंने कहा कि महामारी के चलते वैश्विक उत्पादन में 8500 अरब अमेरिकी डालर तक की कमी हो सकती है, जो 1930 की महामंदी के बाद सबसे तेज कमी होगी।

चेतावनी को अनदेखा करना मूर्खतापूर्ण अहंकार 

जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार दुनिया भर में 58 लाख से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और अब तक 3.6 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है। बाद में जमैका के प्रधानमंत्री एंड्रयू होल्नेस और कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ एक वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये प्रेस कॉन्फ्रेंस में गुटेरेस ने कहा कि दुनिया कई बड़ी कमजोरियों से पीड़ित है: कमजोर स्वास्थ्य प्रणाली, जलवायु परिवर्तन, असमानता का चरम स्तर।

यह भी पढ़ें: 1 जून से लॉकडाउन 5.0? पीएम मोदी और अमित शाह कर रहे हैं मंथन

उन्होंने कहा, ''हम इन कमजोरियों के संकेत अन्य जगहों पर भी देखते हैं, जैसे परमाणु प्रसार के बढ़ते जोखिम से लेकर साइबर स्पेस की अराजकता तक। इन चेतावनी को अनदेखा करना मूर्खतापूर्ण अहंकार है। हमारे अस्तित्व के खतरों से निपटने के लिए विनम्रता, एकता और एकजुटता की जरूरत है।