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जीडीपी के आंकड़े आज जारी होंगे

आज के GDP आंकड़ों से मिलेगी इकोनॉमी की सही तस्वीर, कोरोना की वजह से मार्च तिमाही में झटका!

आज इस बारे में प्रमाणिक आंकड़ा मिलेगा कि 2019-20 में देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में ग्रोथ कितनी हुई थी. मार्च तिमाही में कोरोना के असर से नुकसान हुआ है और अब यह आशंका जताई जा रही है कि जीडीपी में बढ़त काफी कम रहेगी. तमाम एजेंसियों ने मार्च के जीडीपी में 0.5 फीसदी से लेकर 3.6 फीसदी तक ही ग्रोथ रहने की चेतावनी दी है.

केंद्र सरकार आज शाम को मार्च तिमाही और पूरे वित्त वर्ष 2019-20 के लिए देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में ग्रोथ के आंकड़े जारी करेगी. इस तरह आज इस बारे में प्रमाणिक आंकड़ा मिलेगा कि 2019-20 में जीडीपी ग्रोथ कितनी हुई थी. तमाम एजेंसियों ने मार्च के जीडीपी में 0.5 फीसदी से लेकर 3.6 फीसदी तक ही ग्रोथ रहने की चेतावनी दी है.

कोरोना का असर

गौरतलब है कि इसके पहले सरकार ने अनुमान जारी किया था कि 2019-20 में जीडीपी में ग्रोथ 5 फीसदी के आसपास रहेगी. लेकिन मार्च तिमाही में कोरोना के असर से नुकसान हुआ है और अब यह आशंका जताई जा रही है कि जीडीपी में बढ़त काफी कम रहेगी. हालांकि लॉकडाउन 25 मार्च को लगा था जिसकी वजह से इस तिमाही में लॉकडाउन का ज्यादा असर नहीं दिखा.लेकिन यह करीब एक हफ्ते में ही इकोनॉमी को काफी झटका दे गए. यही नहीं, कोरोना का टूर ऐंड ट्रैवल जैसे कई सेक्टर पर असर पहले से दिखने लगा था.

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एजेंसियों के अनुमान चिंताजनक

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के एक सर्वे में तो यहां तक चेतावनी दी गई कि 2019-20 की मार्च तिमाही में जीडीपी ग्रोथ महज 2.1 फीसदी रह सकती है. गौरतलब है ​कि कोरोना से पहले भी पिछले एक साल में देश की इकोनॉमी की हालत खस्ता रही है. अगर ऐसा हुआ तो यह पिछले 8 साल की सबसे कम ग्रोथ होगी.

यही नहीं एसबीआई, क्रिसिल से लेकर केयर जैसी एजेंसियां तक मार्च तिमाही में ग्रोथ 0.5 फीसदी से 3.6 फीसदी तक ही ग्रोथ रहने की आशंका जाहिर कर चुकी हैं.

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मौजूदा वित्त वर्ष यानी 2020-21 के लिए तो सभी एजेंसियां नेगेटिव ग्रोथ यानी जीडीपी में गिरावट का अनुमान लगा चुकी हैं. खुद रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास यह कह चुके हैं कि मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी में गिरावट आ सकती है.

इसके पहले लगातार तीन तिमाहियों में ये रहा ग्रोथ का आंकड़ा

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 5 फीसदी था. दूसरी तिमाही यानी जुलाई से सितंबर की तिमाही में जीडीपी ग्रोथ महज 4.5 फीसदी थी. यह छह साल की सबसे कम बढ़त थी. इसके बाद साल की तीसरी तिमाही में भी जीडीपी ग्रोथ महज 4.7 फीसदी थी. यानी पूरे साल में जीडीपी ग्रोथ कभी भी 5 फीसदी के पार नहीं हुआ. तो आज अगर चौथी तिमाही के जीडीपी ग्रोथ में भारी गिरावट आती है तो पूरे साल में जीडीपी ग्रोथ 5 फीसदी रहने का अनुमान गलत साबित हो जाएगा.