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कोरोना संकट : केदारनाथ धाम में एक महीने में नहीं आया कोई भी यात्री

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केदारनाथ धाम की यात्रा में ऐसा कभी भी देखने को नहीं मिला जब, कपाट खुलने का एक महीना बिना यात्री दर्शन के गुजर जाए, किंतु विश्वव्यापी कोरोना संक्रमण ने सभी धार्मिक गतिविधियों पर भी लम्बा ब्रेक लगा दिया। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद एक महीना पूरा हो गया है और यह अवधि बिन किसी यात्री दर्शन के ही गुजर गई।

29 अप्रैल को बाबा केदार के कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खोले गए थे। तब ऐसा नहीं लग रहा था कि एक महीने तक बाबा के दरबार में कोई भी नहीं पहुंच सकेगा। बाहरी प्रदेशों के यात्री न भी आ सके तो, स्थानीय भक्तों को यह उम्मीद जरूर थी शायद, उन्हें बाबा के दर्शनों के लिए केदारधाम जाने की इजाजत मिल जाए, किंतु ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। बीते सालों में भगवान केदारनाथ धाम के कपाट खुलते ही एक दो महीने में ही 2 से 4 लाख यात्री दर्शन कर लेते थे, किंतु कोरोना महामारी ने चारधाम की यात्रा पर भी बड़ा संकट खड़ा कर दिया है।

देश में लॉकडाउन 4 जारी है जबकि लॉकडाउन 5 पर केंद्र सरकार क्या दिशा निर्देश और फैसला करती यह देखना बाकी है। कोरोना संक्रमण का कहर भले ही अब भी जारी है और पहाड़ में लगातार प्रवासी लोगों के पॉजिटिव आने के मामले भी जारी है ऐसे में केदारनाथ धाम की यात्रा पर भक्तों को जाने की अनुमति मिल सकेगी इस पर भी पूरा संशय बना है। फिलहाल कपाट खुलने के एक महीने में केदारनाथ में यदि कुछ बदला है तो वह देवस्थानम बोर्ड का 14 सदस्यीय स्टाफ है, पहले चरण की ड्यूटी देकर 14 लोग वापस आए हैं जबकि नए 14 लोग केदारनाथ  पहुंचे हैं। 

शंकराचार्य समाधि और गुरुड़चट्टी पुल का काम जारी
केदारनाथ में निर्माण को लेकर आदि गुरु शंकराचार्य समाधि का काम जारी है जबकि गरुड़चट्टी में पुल का काम भी चल रहा है। वुड स्टोन कंपनी द्वारा पुर्ननिर्माण का कार्य चल रहा है। हालांकि इसमें भी सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य गाइडलाइन का पालन कराया जा रहा है।

केदारनाथ धाम में एक महीने की अवधि में 14 सदस्यीय स्टाफ को वापस बुलाया गया है जबकि नए 14 सदस्यीय स्टाफ को तैनात कर दिया गया है। शासन के निर्देशों पर अभी भी आम यात्री दर्शन प्रतिबंधित है। केदारनाथ में पुजारी द्वारा नियमित पूजा-आरती, यज्ञ, भोग आदि प्रक्रयांए की जा रही हैं। - एनपी जमलोकी, कार्याधिकारी देवस्थानम बोर्ड