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सर्वे : कोरोना काल में ई-कॉमर्स ने पारंपरिक बाजार को पीछे छोड़ा, शिक्षा, स्वास्थ्य और फिटनेस की श्रेणी में ऐतिहासिक उछाल

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कोरोना महामारी के दौर में ग्राहक दुकान पर खरीदारी की बजाय ऑनलाइन शॉपिंग को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं। फेसबुक इंडिया और बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप की साझा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आने वाले दिनों में 80 फीसदी लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे। साथ ही, शॉपिंग के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर निर्भरता भी बढ़ेगी। इस रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले दो से तीन वर्षों के दौरान ई-कॉमर्स कंपनियों की ग्रोथ इसी कोरोना के दौर में ही हो गई है और बदलाव का ये ट्रेंड आने वाले वर्षों में भी जारी रहने के आसार हैं। यही नहीं, भारत ने इंटरनेट के जरिए शॉपिंग में तेजी के मामले में चीन, ब्राजील, इंडोनेशिया, थाईलैंड और फिलीपींस जैसे देशों को भी पीछे छोड़ दिया है।

ऑफलाइन श्रेणियों में ऑनलाइन कामकाज का दखल बढ़ा

ये भी बताया गया है कि मौजूदा दौर में परंपरागत तौर पर ऑफलाइन श्रेणियों में ऑनलाइन कामकाज का दखल बढ़ा है। शिक्षा, स्वास्थ्य और फिटनेस की श्रेणी में ऐतिहासिक उछाल देखने को मिला। देश में जरूरी चीजों की ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों की संख्या 1.3 से 1.7 गुना बढ़ी है। चीन में साल 2002-03 के दौरान आई सार्स महामारी के दौरान भी शॉपिंग के लिए इंटरनेट का जमकर इस्तेमाल किया गया। इसी महामारी के बीच से ही अलीबाबा नाम की कंपनी ई-कॉमर्स के क्षेत्र में इतना बड़ा नाम बन पाई। लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आत्मनिर्भर बनने का मंत्र देने के बाद अब स्वदेशी कंपनियां खासकर सोशल मीडिया एक्सपर्ट चीन की ‘अलीबाबा डॉट कॉम’ की तरह ही आर्थिक संकट का तोड़ ढूंढ़ने में लग गई हैं।

 ग्रामीण उत्पादों को बेचने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर

ई-कॉमर्स के मामले में ग्रामीण भारत कहीं पिछड़ न जाए, इसके लिए मिशन डिजिटल इंडिया के तहत देशभर में बनाए गए कॉमन सर्विस सेंटर भी आगे आ गए हैं। कॉमन सर्विस सेंटर के सीईओ दिनेश त्यागी के मुताबिक देश की पंचायतों में मौजूद इस सिस्टम का इस्तेमाल ग्रामीण उत्पादों को बेचने के लिए किया जा रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर महाराष्ट्र के पुणे में फल और सब्जियों की ऑनलाइन बिक्री के साथ इसकी शुरुआत कर दी गई है। आने वाले दिनों में यूपी, बिहार जैसे राज्यों में बड़े पैमाने पर इसका विस्तार किया जाएगा।

51 फीसदी ग्राहक कर रहे डिजिटल भुगतान
 
करीब 63 फीसदी ग्राहक उत्पाद की उत्पत्ति पर ज्यादा ध्यान देने लगे हैं। यही नहीं, 51 फीसदी ग्राहक डिजिटल भुगतान ही कर रहे हैं। अनुमान है कि 50 फीसदी ग्राहक एक महीने तक ई-कॉमर्स के जरिए शॉपिंग पर फोकस बढ़ाएंगे। बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप की निमिषा जैन का कहना है कि ग्राहकों में देखे जा रहे बदलाव लंबे समय तक बने रहेंगे। जिस तरह देश में ग्राहक नए तरीके से शॉपिंग करने लगे हैं, कंपनियों को भी उन्हीं के मुताबिक उत्पादों का प्रचार-प्रसार करने की जरूरत है।

क्या है यह सर्वे

बॉस्टन कंसल्टिंग ग्रुप ने तीन चरणों में 23 मार्च से 3 मई के बीच कंज्यूमर सेंटिमेंट सर्वे किया है। 18 से 65 वर्ष के आयु वर्ग पुरुष और महिलाओं से राय मांगी गई। सर्वे के लिए मेट्रो और टियर 1, टियर 2 शहरों को चुना गया है। 5-10 लाख रुपये, 10-20 लाख रुपये, 20 लाख+ के लोगों से सवाल पूछे गए।