योगी सरकार ने भूमि अधिग्रहण अधिनियम-2013 में किया बदलाव, उद्योगों के लिए यूपी में आसानी से मिलेगी जमीन
by Published By: Shivendra Singh | विशेष संवाददाता, लखनऊ।कोरोना संकट काल में उत्तर प्रदेश सरकार उद्योगों के लिए कई और महत्वपूर्ण फैसले करेगी। तय हुआ है कि लैंड बैंक बढ़ाया जाएगा और इसके लिए राजस्व संहिता में संशोधन होगा। यह भी तय हुआ है कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम-2013 में बदलाव कर एक्सप्रेस वे के दोनों ओर एक-एक किलोमीटर की दूरी में जमीन अधिग्रहण की जाए और इसकी प्रक्रिया को और सरल बनाया जाए। इसी के साथ जेवर इन्टरनेशनल एयरपोर्ट के निकट एक वृहद इलेक्ट्रानिक्स सिटी विकसित करने के लिए भूमि जल्द उपलब्ध कराने का फैसला किया गया है। हाल के दिनों में सरकार ने उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कई फैसले किए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश में औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने हाल में ही मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी के साथ अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त समेत 18 विभागों के प्रमुख अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें उद्योगों के लिए कई फैसलों पर सभी विभागों की सहमति बन गई है।
इस तरह बढ़ाया जाएगा लैंड बैंक
वित्त विभाग ने सुझाव दिया है कि बन्द पड़ी सार्वजनिक उपक्रमों की इकाइयों की भूमि को नीलाम किया जाए। इस पर एक बार विधिक दृष्टि से परीक्षण कराया जाएगा। राजस्व ग्रामों के औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में सम्मिलित होने पर इन ग्राम सभाओं की सार्वजनिक भूमि को संबंधित विकास प्राधिकरणों में समाहित करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है। औद्योगिक विकास क्षेत्र अधिनियम में एक निर्धारित समय सीमा के बाद भी इकाई स्थापित न किए जाने पर संबंधित भूखण्ड़ों के आवंटन को निरस्त करने पर भी प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए गए हैं। इस प्राविधान को पूर्वगामी प्रभाव से लाने पर भी विचार कर लिया जाए।
भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क 20 प्रतिशत रखने का प्रस्ताव
राजस्व संहिता में संशोधन कर औद्योगिक इकाइयों-औद्योगिक पार्कों के लिए कृषि भूमि को लीज पर देने की अनुमति के लिए भी प्रस्ताव तैयार कर फैसला करने को कहा गया है। औद्योगिक इकाइयों के लिए कृषि भूमि के भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क को सुझाव के अनुसार अधिकतम 15 से 20 प्रतिशत रखने के प्रस्ताव को शीघ्र लागू किया जाएगा।
इंटीग्रेटेड औद्योगिक टाउनशिप स्थापित करें
मिश्रित भू-उपयोग के साथ आधुनिक इन्टीग्रेटेड औद्योगिक टाउनशिप स्थापित करने के सुझाव को शीघ्र लागू किया जाएगा। राजस्व विभाग द्वारा भूमि के पुनर्ग्रहण तथा भूमि के खरीद-फरोख्त के लिए औद्योगिक इकाइयों से मिले प्रस्तावों को जल्द से जल्द निपटारे के लिए अधिकारों की जिम्मेदारी तय की जाए। औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में प्रतिनियुक्ति के पदों को शीघ्र भरा जाए। इसके साथ-साथ प्राधिकरणों द्वारा विशेषज्ञों/ प्रोफेशनलों की सेवाएं भी प्राप्त की जाएं।
औद्योगिक विकास विभाग अपनी फ्लैगशिप परियोजनाओं जैसे कि यूपीसीडा द्वारा विकसित किये जा रहे ट्रांस गंगा परियोजना, सरस्वती हाईटेक सिटी परियोजना, बरेली में मेगा फूड पार्क परियोजना, ग्रेटर नौएडा क्षेत्र में लाजिस्टिक तथा ट्रांसपोर्ट हब परियोजनाएं व वाराणसी में मल्टी मॉडल टर्मिनल परियोजना को अभियान चलाकर पूर्ण कराएगा।
श्रम कानून में किया बदलाव
इससे पहले हाल ही में प्रदेश सरकार ने श्रम कानूनों में बदलाव करते हुए नए स्थापित होने वाले उद्योगों को तीन साल तक के लिए श्रम कानूनों से छूट दी है। इसके संशोधन अध्यादेश के मसौदे को कैबिनेट ने मंजूरी देकर राज्यपाल और राष्ट्रपति के पास भेजा है। इससे नए स्थापित होने वाले उद्योगों को विकसित होने में सहूलियत रहेगी।
निर्यातकों को भी दीं सहूलियतें
इसके अलावा प्रदेश सरकार ने बीते दिनों यह भी फैसला किया है कि जो निर्यातक अपने निर्यात को 50 फीसदी तक बढ़ाएंगे उन्हें एक करोड़ रुपये तक प्रोत्साहन राशि, माल को बंदरगाह तक पहुंचाने के लिए 2 करोड़ की सालाना भाड़ा प्रतिपूर्ति, ट्रक से माल भेजने पर 50 लाख सालाना प्रतिपूर्ति होगी। इसी तरह लखनऊ व वाराणसी के एयर कारगो से माल भेजने पर अधिकतम 25 लाख की प्रतिपूर्ति, निर्यातकों को ग्रीन कार्ड देने, मार्केट रिसर्च व डाटा बेस के लिए भी अलग से फंड बनाने का फैसला हुआ है। निर्यातक यूनिट को 25 प्रतिशत अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेशियो देने का भी निर्णय हुआ है।