गुजरातः कोरोना मामले में सरकार को फटकार लगाने वाली हाई कोर्ट बेंच का ट्रांसफर

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नागपूर– गुजरात हाईकोर्ट ने अहमदाबाद सिविल अस्पताल के कामकाज को लेकर जमकर फटकार लगाई थी। हाई कोर्ट ने अस्पताल में कामकाज में समन्वय की कमी के कारण मरीजों की मौत होने की बात कही थी। इस मामले में सुनवाई कर रही बेंच की जस्टिस को हटा दिया गया है। जस्टिस का ट्रांसफर होने के बाद विवाद शुरू हो गया है। कई लोग इसे लेकर सवाल उठा रहे हैं।

जस्टिस जेबी परदीवाला और जस्टिस आईजे वोरा की खंडपीठ ने बीते मंगलवार को कहा कि अस्पताल के प्रशासन और कामकाज पर नजर रखने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य मंत्री की है। बेंच ने कहा था कि अहमदाबाद सिविल अस्पताल की हालत दयनीय और कालकोठरी जैसी है। सोमवार को सरकार ने तत्काल अर्जी दाखिल करके शनिवार के आदेश में की गई कुछ टिप्पणियों पर स्पष्टीकरण मांगे थे।

जजों ने किया था अस्पताल का औचक दौरा
दोनों न्यायाधीशों ने कहा कि उन्होंने अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में कामकाज के संबंध में सभी विवादों को समाप्त करने के लिए अस्पताल का औचक दौरा किया था। हाई कोर्ट ने कहा, ‘राज्य सरकार इस बात पर गर्व करती है कि अहमदाबाद का सिविल अस्पताल एशिया का सबसे बड़ा अस्पताल है, लेकिन उसे अब इसे एशिया के सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों में शामिल करने के लिए बहुत मेहनत करनी चाहिए।’

प्रशासन पर नजर रखना स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी
कोर्ट ने कहा, ‘हम एक बार फिर दोहराते हैं कि उचित टीम वर्क और समन्वय की कमी है। अगर उचित समन्वय के साथ सामूहिक तरीके से कामकाज होगा तो हमें विश्वास है कि सिविल अस्पताल में हालात जरूर सुधरेंगे।’ कोर्ट ने कहा, ‘सिविल अस्पताल के कामकाज तथा प्रशासन पर करीबी नजर रखना स्वास्थ्य मंत्री की जिम्मेदारी है। हमें आश्वासन दिया गया है कि राज्य सरकार वहां के हालात सुधारने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देगी।’

अदालत ने कहा कि रेसिडेंट डॉक्टर के अज्ञात पत्र में कई महत्वपूर्ण बातें थीं। उसने इसके विभिन्न पहलुओं को देखने की जिम्मेदारी एक स्वतंत्र समिति को दी। पत्र में कहा गया था कि अस्पताल में कुप्रबंधन तथा अनियमितताएं हैं, जिससे डॉक्टर कोरोना वायरस के बड़े वाहक बन सकते हैं और जो लोग कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हैं उनके जीवन को खतरे में डाल सकते हैं।

लोग उठा रहे सवाल
बेंच ने कोरोना वायरस को लेकर गुजरात सरकार को आड़े हाथों लिया था। शुक्रवार को बेंच में बदलाव कर दिया गया है। जस्टिस परदीवाला को अब चीफ जस्टिस विक्रम नाथ के साथ बेंच में कर दिया गया है। इस ट्रांसफर को लेकर लोग सरकार को फटकार लगाए जाने से जोड़ रहे हैं।