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मरकज मामला: क्वारंटाइन सेंटर से हटाकर नौ जगह रखे जाएंगे जमाती

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उच्च न्यायालय ने गुरुवार को निजामुद्दीन के मरकज मस्जिद में आयोजित धार्मिक सभा में शामिल होने आए तबलीगी जमात से जुड़े 955 विदेशी नागरिकों को क्वारंटाइन सेंटर के बजाए अन्य वैकल्पिक जगहों पर ठहरने की अनुमति दे दी है। इन विदेशी नागरिकों को रहने के लिए तबलीगी जमात ने नौ जगहों का चयन किया है।

जस्टिस विपिन सांघी और रजनीश भटनागर की पीठ ने कहा कि सभी विदेशी नागरिकों को सरकारी क्वारंटाइन सेंटर से चिह्नित किए गए नौ वैकल्पिक जगहों पर स्थानांतरित कर दिया जाए। पीठ ने यह आदेश तब दिया, जब दिल्ली सरकार ने कहा कि यदि इन विदेशी नागरिकों को क्वारंटाइन सेंटर से वैकल्पिक जगह पर रहने के लिए भेजा जाता है, तो उसे कोई आपत्ति नहीं है।

केंद्र और दिल्ली पुलिस ने भी मौखिक तौर पर पीठ के समक्ष यह बयान दिया कि इन विदेशी नागरिकों को वैकल्पिक जगहों पर ठहराए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है। इसके बाद पीठ ने विदेशी नागरिकों को क्वारंटाइन सेंटर से रिहा करने की मांग वाली याचिका का निपटारा कर दिया। इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने उच्च न्यायालय को बताया कि नियमों की अनदेखी कर जमात कार्यक्रम में शामिल होने के मामले में साकेत अदालत में कुल 47 आरोपपत्र दाखिल किए गए हैं।

यह मांग की थी : याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका जॉन और अधिवक्ता आशिमा मंडला ने पीठ से सभी विदेशी नागरिक, जिनमें संक्रमण की पुष्टि नहीं है, उन्हें क्वारंटाइन सेंटर से निकालकर अन्य जगह पर ठहराने की मांग की थी। अधिवक्ता ने कहा कि वे इन विदेशी नागरिकों को ठहरने के लिए वैकल्पिक स्थानों की सूची बुधवार तक उपलब्ध कराएंगे और इन स्थानों पर ठहरने का खर्च समुदाय उठाएगा।

अनुमति बिना नहीं जा सकेंगे: उच्च न्यायालय ने याचिका का निपटारा करते हुए विदेशी नागरिकों से कहा है कि वे अनुमति के बगैर संबंधित जगह को न छोड़े। हालांकि, केंद्र सरकार ने पीठ को बताया कि कोई भी विदेशी नागरिक गिरफ्तार नहीं है और न ही हिरासत में हैं।
 
30 मार्च से रह रहे: क्वारंटाइन सेंटर में 30 मार्च से रह रहे 916 विदेशी नागरिकों में से 20 की ओर से दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही थी। याचिका में कोरोना की रिपोर्ट आने के बाद भी क्वारंटाइन सेंटर में रखने का आरोप लगाते हुए रिहा करने की मांग की गई थी।