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Bindal के इस्तीफे के बाद विपक्ष का हमला, High Court के जज से जांच को आवाज बुलंद

मुकेश बोले- बीजेपी का असली चेहरा बेनकाव, विक्रमादित्य ने इस्तीफे को राजनीतिक स्टंट बताया

शिमला। बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल (Dr. Rajeev Bindal) के इस्तीफे के बाद विपक्ष ने भी तेबर कड़े कर लिए हैं। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri) ने मामले की जांच हाईकोर्ट (High Court) के सिटिंग जज से करवाने की मांग उठाई है। शिमला में उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में स्वास्थ्य विभाग में घोटाला हुआ है। उस पर कार्रवाई तो होनी ही थी और यह बीजेपी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष के इस्तीफे के तौर पर सामने आई है। उन्होंने कहा कि बहाना चाहे नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने का हो या कुछ और, लेकिन इस्तीफे ने बीजेपी के असली चेहरे को बेनकाव कर दिया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के पूर्व सीएम व कुछ नेता भी इस घोटाले पर सवाल उठा चुके हैं। साथ ही कोरोना (Corona) जैसी महामारी के बीच इसे महापाप करार दिया है। उन्होंने कहा कि इस महामारी में हर कोई अपने अनुसार मदद कर रहा है। लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जो इसका नाजायज फायदा उठा रहे हैं और उनका बेनकाव होना जरूरी है।

बीजेपी के अंदर जयराम के खिलाफ सुलगी विरोध की चिंगारीः विक्रमादित्य

कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल के इस्तीफे को एक राजनीतिक स्टंट और दबाव की राजनीति का एक अंश माना है। उन्होंने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग (Health Department) हो या सचिवालय में सैनिटाइजर (Sanitizer) की खरीद, इस माहमारी के दौर में सरकार के संरक्षण में भ्रष्टाचार चरम सीमा में चल रहा है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि उन्हें लगता है कि प्रदेश बीजेपी के अंदर सीएम जयराम ठाकुर CM (Jai Ram Thakur) के खिलाफ विद्रोह की चिंगारी सुलग गई है। बिंदल का इस्तीफा इसी ओर इंगित भी करता है। चूंकि स्वास्थ्य विभाग सीएम के पास है, इसलिए यह एक दबाव की राजनीति के सिवा कुछ नहीं है, क्योंकि बिंदल भी जानते हैं कि पार्टी उनका कम से कम इस समय इस्तीफा किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करेगी। विक्रमादित्य सिंह ने कोरोना माहमारी के दौरान हो रहें घोटालों पर चिंता व्यक्त करते हुए स्वास्थ्य विभाग और सचिवालय में सैनिटाइजर खरीद की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि इसकी जांच उच्च न्यायालय के अधीन की जानी चाहिए।

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