छत्तीसगढ़ सरकार का सराहनीय कदम, सरकारी खर्च पर फिजूलखर्ची को अब नहीं
- लॉकडाउन के कारण राज्य सरकार के राजस्व प्राप्तियों पर प्रतिकूल प्रभाव
- सभी भर्ती के रिक्त पदों को भरने से पहले वित्त विभाग की अनुमति
- वार्षिक वित्तीय भार तथा पदों की पूर्ति की आवश्यकता का औचित्य
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने सरकारी खर्च में मितव्ययता बरतने के लिए नए पदों का निर्माण, स्थानांतरण, महंगे होटलों में बैठकें, विदेश यात्रा और नए वाहनों की खरीदी पर रोक लगा दी है।
लॉकडाउन के कारण राज्य सरकार के राजस्व प्राप्तियों पर प्रतिकूल प्रभाव
राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बुधवार को यहां बताया कि राज्य में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण राज्य सरकार के राजस्व प्राप्तियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इसके साथ ही महामारी की रोकथाम के लिए अतिरिक्त संसाधनों का प्रबंध भी तत्काल किया जाना है, जिसे देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने मितव्ययता पर रोक लगाने के लिए कई निर्णय लिए हैं।
सभी भर्ती के रिक्त पदों को भरने से पहले वित्त विभाग की अनुमति
इसके तहत नए पदों का निर्माण, स्थानांतरण, महंगे होटलों में बैठकें, विदेश यात्रा और नए वाहनों की खरीदी पर रोक लगा दी गई है। वहीं रिक्त पदों पर भर्ती, पदोन्नति, वार्षिक वेतन वृद्धि में मितव्ययता के संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार के वित्त विभाग ने इस संबंध में निर्देश जारी किया है। निर्देश के तहत लोक सेवा आयोग से भरे जाने वाले सीधी भर्ती के रिक्त पदों और अनुकंपा नियुक्ति के पदों को छोड़कर शेष सभी भर्ती के रिक्त पदों को भरने से पहले वित्त विभाग की अनुमति ली जाएगी।
वार्षिक वित्तीय भार तथा पदों की पूर्ति की आवश्यकता का औचित्य
जिन पदों के लिए वित्त विभाग से भर्ती की अनुमति प्राप्त हो चुकी है, लेकिन नियुक्ति शेष है, उनके लिए भी वित्त विभाग की अनुमति फिर से प्राप्त की जाएगी। ऐसे प्रस्ताव को वित्त विभाग में भेजते समय इन पदों की पूर्ति पर आने वाले वार्षिक वित्तीय भार तथा पदों की पूर्ति की आवश्यकता का औचित्य दर्शाया जाएगा।
देय बकाया राशि के भुगतान वित्त विभाग के आगामी आदेश तक विलंबित
वित्त विभाग ने कहा है कि विभागों द्वारा नियमित पदोन्नति में निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया जाए, लेकिन पदोन्नति के परिणामस्वरूप होने वाले स्थानांतरण को रोकने के लिए यथासंभव उस पद को उसी स्थान पर आगामी आदेश तक अस्थायी तौर पर उन्नयन (अपग्रेड) कर दिया जाए। पदोन्नति-क्रमोन्नति के फलस्वरूप देय बकाया राशि के भुगतान को वित्त विभाग के आगामी आदेश तक विलंबित रखा जाए।
निकायों में नवीन पद सृजन पर तत्काल प्रभाव से रोक
विभागों के स्थापना व्यय में वृद्धि को नियंत्रित रखने की दृष्टि से सभी शासकीय विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों, निकायों में नवीन पद सृजन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई गई है। विशेष परिस्थितियों में वित्त विभाग की सहमति से ही नवीन पद सृजित किए जा सकेंगे। अधिकारियों ने बताया कि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति के अनुसार स्थानांतरण पर प्रतिबंध है।
समन्वय में भी न्यूनतम स्थानांतरण
स्थानांतरण केवल समन्वय में अनुमोदन के बाद ही किया जाएगा। स्थानांतरण पर अतिरिक्त व्यय भार को ध्यान में रखते हुए विभागों से यह अपेक्षा की गई है कि समन्वय में भी न्यूनतम स्थानांतरण किया जाए और अति आवश्यक होने पर स्वयं के व्यय पर स्थानांतरण को प्राथमिकता दिया जाए। लोक हित में वांछित अपवाद को छोड़कर राज्य शासन के व्यय पर विदेश यात्राओं पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। शासकीय अधिकारियों के बिजनेस क्लास से हवाई यात्रा और प्रथम श्रेणी में रेल यात्रा पर प्रतिबंध रहेगा।
राज्य में विभागों को बैठकों का आयोजन न्यूनतम
अनावश्यक और बिना सक्षम स्वीकृति के शासकीय भ्रमण प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने बताया कि राज्य में विभागों को बैठकों का आयोजन न्यूनतम करने को कहा गया है। कॉन्फ्रेंस, सेमिनार, शासकीय समारोह के आयोजनों में मितव्ययिता बरतने तथा अति आवश्यक बैठक-कार्यक्रम का आयोजन महंगे होटलों की बजाय शासकीय भवनों में करने के निर्देश दिए गए है। यथासंभव बैठकें वीडियो कॉन्फ्रेंस और वेबीनार के माध्यम से आयोजित की जाए।
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पूर्व से संचालित योजनाओं की अलग से समीक्षा
आदेश में कहा गया है कि विभागों द्वारा अति आवश्यक नवीन योजनाओं को ही चालू वर्ष में प्रारंभ करने की कार्यवाही-प्रस्ताव प्रेषित किया जाए तथा पूर्व से संचालित योजनाओं की अलग से समीक्षा की जाए। जो योजनाएं वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अनुपयोगी है। उनको समाप्त करने की कार्यवाही की जाए। वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान नवीन वाहनों का क्रय पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। केवल अत्यावश्यक सेवाओं के लिए आवश्यक वाहनों का क्रय वित्त विभाग की अनुमति से किया जा सकेगा।
देय वार्षिक वेतन वृद्धि आगामी आदेश तक विलंबित
अधिकारियों ने बताया कि राज्य के शासकीय सेवकों को एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 में देय वार्षिक वेतन वृद्धि को आगामी आदेश तक विलंबित रखा गया है। लेकिन एक जनवरी 2021 और एक जुलाई 2021 से पूर्व सेवानिवृत्त होने वाले शासकीय सेवकों के मामले में यह लागू नहीं होगा। उन्होंने बताया कि वित्त विभाग द्वारा जारी यह आदेश राज्य के शासकीय विभागों, कार्यालयों के साथ-साथ सभी निगम, मण्डल, आयोग, प्राधिकरण, विश्वविद्यालय और अनुदान प्राप्त स्वशासी संस्थाओं में भी समान रूप से लागू होगा।
— भाषा
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