तेलंगाना : बोरवेल में गिरा 3 साल का बच्चा, बचाव व राहत का काम जारी
- नानी के यहां माता-पिता के साथ पहुंचा था बच्चा
- हैदराबाद से बुलाई गई विशेष टीम
मेदक : तेलंगाना के मेदक जिले के पापन्नापेट मंडल के पोड्चना पल्लीगांव में तीन साल का एक बच्चा बोरवेल में गिर गया। स्थानीय लोगों के मुताबिक 120 फूट गहरे बोरवेल में पानी नहीं निकलने से उसे खुला छोड़ दिया गया था।
खेलते हुए बोरवेल के पास पहुंचा साई वर्धन दुर्घटनावश उसमें गिर गया। मेदक रूरल के एसआई राजशेखर और आंजनेयलू सहित स्थानीय अधिकारी घटनास्थल पहुंच गए हैं और बच्चे को बोरवेल से बाहर निकालने के लिए हैदराबाद से विशेष टीम बुलाई गई है। गौरतलब है कि यह बोरवेल आज सुबह ही खोदा गया था।
संगारेड्डी जिले के पटनचेरू निवासी मंगली गोवर्धन-नवीना का तीसरा बेटा साई वर्धन चार महीने पहले पोड्चनपल्ली गांव स्थित अपनी नानी के यहां माता-पिता के साथ पहुंचा था। साई वर्धन अपने मामा मंगली बिक्षपति की दो एकड़ कृषि भूमि को देखने के लिए परिवार के साथ गया था और तभी वहां खेलने के दौरान खुले बोरवेल में गिर गया। अपनी आंखों के सामने खेल रहे बेटे की जान अचानक खतरे में पड़ जाने से माता-पिता काफी चिंतित हैं और ईश्वर से बेटे को सुरक्षित बाहर निकलने में मदद करने की गुहार लगा रहे हैं।
बचाव व राहत कार्य शुरू
बोरवेल में गिरे साई वर्धन को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बचाव व राहत का काम शुरू हो चुका है। जिलाधीश धर्मारेड्डी,पुलिस अधीक्षक चंदना दीप्ति, आडिया साईराम, पापन्नापेट के तहसीलदार बलराम बचाव व राहत कार्यों की देखरेख कर रहे हैं। जिला पुलिस तंत्र और राजस्व अधिकारी भी बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। दो जेसीबी, दो क्रेन, तीन एंबुलेंस और दो फायर इंजीन मौके पर पहुंच चुके हैं। हैदराबाद से विशेष टीम का पहुंचना बाकी है।
25 फूट की गहराई में फंसा है बच्चा
बचाव व राहत कार्य में जुटे अधिकारियों के मुताबिक बोरवेल की गहराई करीब 150 फूट है, लेकिन साई वर्धन को ऑक्सिजन पहुंचने के लिए जब पाइप बोरवल में छोड़ा गया तो वह 25 फूट पर ही रुक गया। इससे साईवर्धन के 25 फूट की गहराई में फंसे होने का अनुमान है।
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बोरवेल के चारों तरफ लाइटिंग की व्यवस्था की गई है। मई के महीने में पोड्चनपल्ली में अब तक कुल 19 बोरवेल खोदे गए, लेकिन किसी के लिए भी अनुमति नहीं ली गई। इससे पहले संयुक्त मेदक जिले में 2008, 2011 और 2015 में तीन बच्चे बोरवेल में गिरे थे और अधिकारी काफी मशक्कत के बाद भी उन्हें बचा नहीं पाए थे।