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FACT CHECK: मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन के वायरल वीडियो में दिख रही महिला की मौत श्रमिक ट्रेन में भूख-प्यास से हुई, जानें सच

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लॉकडाउन के दौरान भारत में श्रमिक ट्रेनों के जरिए प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने की मुहिम चल रही है। इस बीच कई तरह की खबरें आ रही हैं, जिसमें दावा किया जा रहा है कि जहां ट्रेन में एक या दो दिन का समय लगना चाहिए, वहीं 8-9 दिन का समय लग रहा है। अहमदाबाद से कटिहार के लिए रवाना हुई 35 वर्षीय महिला अरवीना खातून की रास्ते में ही मौत हो गई। अरवीना अपने बच्चे और भाई के साथ अहमदाबाद से कटिहार के लिए आ रही थी। मुजफ्फरपुर जंक्शन पहुंचने से कुछ समय पहले उसकी मौत हुई और उसका शव मुजफ्फरपुर जंक्शन पर ही ट्रेन से उतारा गया। 

वायरल वीडियो में आप देख सकते हैं कि अरवीना का बच्चा चादर उठाकर अपनी मां को उठाने की कोशिश कर रहा है। अब इस वीडियो को लेकर तमाम तरह के दावे किए जा रहे हैं। आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने इस वीडियो को शेयर कर लिखा, 'भारत के इतिहास के सबसे नकारा, संवेदनहीन और फेल रेल मंत्री हैं @PiyushGoyal क्या इस मासूम का दर्द भाजपा सरकार को नहीं दिखता भूख और प्यास से लोग मर रहे हैं 2 दिन के बजाय ट्रेन 9 दिन में पहुंच रही है और रेल मंत्री तू-तू मैं-मैं में व्यस्त है।' दावा किया जा रहा है कि इस महिला की मौत ट्रेन में भूख-प्यास से हुई।

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क्या है सच

स्पोक्सपरसन रेलवेज के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, 'उपरोक्त महिला के पहले से ही बीमार होने की पुष्टि उनके परिवार ने की है, जो 23 मई 2020 को अहमदाबाद से कटिहार के लिए ट्रेन में चढ़ी थी और 25 मई 2020 को इनके देहांत हो जाने पर मुज्ज़फरपुर स्टेशन पर उनके परिवार द्वारा उतार लिया गया था। आग्रह है कि इस तरह ग़लत ख़बरों को ना फैलाए।'

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वहीं इस महिला के भाई ने भी पुष्टि की है कि ट्रेन में खाने-पीने की कमी नहीं थी। मोहम्मद वजीर ने बताया कि ट्रेन में खाना भी मिल रहा था और पीने का पानी भी मिल रहा था। वजीर ने कहा कि महिला की मौत अचानक हुई। ट्रेन 23 मई को चली थी और 25 मई को मुजफ्फरपुर पहुंची थी, ऐसे में यह दावा भी झूठा साबित होता है कि ट्रेन 9 दिन का समय ले रही है।