भारत चीन सीमा तनाव: कीचड़ वाले ट्रकों में भरकर चीन ने LAC पर तेजी से पहुंचाए सैनिक, जानिए क्या थी वजह
by एएनआई,नई दिल्लीलद्दाख में भारत चीन सीमा पर दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने हैं। इस टकराव के शुरुआती दौर में ही चीन अचानक बड़ी संख्या में सैनिकों को लेकर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर आ धमका। इसके लिए उसने युद्धाभ्यास में इस्तेमाल हो रहे भारी वाहनों के अलावा कीचड़ ढोने वाले ट्रकों का भी सहारा लिया। एक नागरिक हवाई अड्डे को मिलिट्री बेस में बदलने के लिए इन ट्रकों के जरिए गीली मिट्टी लाने का काम किया जा रहा था।
चाइना ने पिछले कुछ सालों में इन इलाकों में निर्मित सड़कों का इस्तेमाल किया। वेस्टर्न हाईवे के जरिए वह बड़ी संख्या में सैन्य दलों को तेजी से एलएसी के पास कई इलाकों और कुछ स्थानों पर भारतीय भूभाग तक ले आया।
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शुरुआत में चीन ने भारतीय सैनिकों के मुकाबले अधिक संख्या में सेना को सीमा पर लाकर भारतीय सुरक्षाबलों को चकित किया। वह युद्धाभ्यास में इस्तेमाल हो रहे भारी वाहनों और अन्य ट्रकों के जरिए सैनिकों को बहुत तेजी से सीमा तक ले आया। सैन्य दलों की तेज मूवमेंट के लिए चीन ने उन ट्रकों को भी इस्तेमाल किया जिनका प्रयोग कीचड़ ढोने के लिए हो रहा था। इन ट्रकों से एयरफील्ड के विस्तार के लिए कीचड़ लाया जा रहा था।
चीन पिछले कई दशकों से वेस्टर्न हाईवे प्रॉजेक्ट सहित कई इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट यहां विकसित कर रहा था। सूत्रों ने बताया कि इनकी मदद से वह तेजी से सैनिकों की संख्या बढ़ाने में सफल रहा। सूत्रों ने कहा कि इस तरह की सीमा जहां गोलीबारी होने की उम्मीद नहीं होती, सैनिकों की संख्या बढ़त बनाने में काम आती है। यह महत्वपूर्ण होता है कि कोई पक्ष कितनी तेजी से विवादित जगह पर सैन्य दलों को पहुंचाता है।
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पूर्वी लद्दाख में भारत की ओर से इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण पर चीन आपत्ति जाहिर कर रहा है और सैनिकों की संख्या बढ़ाकर वह भारत को चकित करना चाहता है। वह काम रोकने के लिए भारत पर दबाव बनाना चाहता है। सूत्रों ने कहा कि दौलत बेग ओल्डी और इससे जुड़े इलाकों को जोड़ने वाली नई सड़क से मिलिट्री और नागरिक वाहनों की आवाजाही बढ़ने से भी चीन को परेशानी हो सकती है।
गौरतलब है कि चीन करीब 5 हजार सैनिकों को सीमा पर एकत्रित कर चुका है, भारत ने भी तेजी से यहां अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है। भारत और चीन के बीच लंबे समय से सीमा विवाद है। इससे पहले 2017 में डोकलाम में भी दोनों देशों की सेनाएं 73 दिनों तक आमने-सामने थीं।