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डोनाल्ड ट्रंप ने की भारत-चीन के बीच मध्यस्थता की पेशकश, बोले- सीमा विवाद सुलझाने के लिए अमेरिका तैयार

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भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ने मध्यस्थता की पेशकश की है। उन्होंने कहा है कि अमेरिका ने दोनों देशों से कहा है कि हम सीमा विवाद को लेकर मध्यस्थता करने के लिए तैयार हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने ट्वीट कर यह बात कही है। अमेरिकी राष्ट्रपति की इस पेशकश पर दोनों देशों की प्रतिक्रिया का इंतजार है।

हाल के दिनों में लद्दाख और उत्तरी सिक्किम में भारत और चीन की सेनाओं ने अपनी उपस्थिति काफी हद तक बढ़ाई है। यह दोनों देशों की सेनाओं के बीच दो अलग-अलग, तनातनी की घटनाओं के दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी तनाव बढ़ने और दोनों पक्षों के रुख में कठोरता आने का स्पष्ट संकेत देता है।

भारत ने कहा है कि चीनी सेना लद्दाख और सिक्किम में एलएसी पर उसकी सेनाओं की सामान्य गश्त में बाधा डाल रही है और उसने बीजिंग के उस दावे का कड़ा खंडन किया कि दोनों सेनाओं के बीच तनाव भारतीय सेना के चीनी सीमा की ओर घुसपैठ करने से बढ़ा है।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत की सभी गतिविधियां सीमा पर उसकी तरफ हैं। उसने कहा कि भारत सीमा प्रबंधन पर हमेशा बहुत जिम्मेदाराना रुख अपनाता है। साथ ही उसने कहा कि भारत अपनी संप्रभुत्ता तथा सुरक्षा की रक्षा करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

'मोदी के भारत को कोई आंख नहीं दिखा सकता'
भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा के पास जारी तनाव पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के भारत को कोई आंख नहीं दिखा सकता है। 

रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को इस मसले से जुड़े सवाल का एक लाइन में जवाब देते हुए कहा, “मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि नरेंद्र मोदी के भारत को कोई आंख नहीं दिखा सकता।” कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब कि चीन की हरकतों पर भारत सरकार के जवाबी कदम पर देश ही नहीं बल्कि दुनिया की नजर है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस बयान से भारत के अटल इरादों के बारे में जता दिया है कि वह चीन के दबाव में आने वाला नहीं है।