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लॉकडाउन में फंसी झारखंड की 135 लड़कियों की मदद के लिए हेमंत ने तमिलनाडु के सीएम से की बात

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से वहां फंसी झारखंड की करीब 135 युवतियों को मदद पहुंचाने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री को पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने बताया कि हजारीबाग, चतरा, रामगढ़, गिरिडीह आदि की 135 से ज्यादा लड़कियां तमिलनाडु में फंसी हैं। उन्हें झारखंड लाने के लिए त्वरित कार्रवाई करने की आवश्कता है।
 
गिरिडीह की आरती कुमारी ने हिन्दुस्तान को बताया कि काफी संख्या में झारखंड की लड़कियां जेजे मिल्स में सिलाई का काम करती हैं। कंपनी में काम जारी है, लेकिन वे संकट में अपने परिवार के साथ रहना चाहती हैं। इसलिए झारखंड लौटना चाहती हैं। उन्हें आने नहीं मिल रहा है। मिल प्रबंधन वापसी में सहयोग नहीं कर रहा है। उन्हें डर लग रहा है। 
गिरिडीह की ही निवेदिता ने बताया कि मिल प्रबंधन की ओर से कहा गया है कि अगर वह काम नहीं करेंगी, तो उन्हें खाना-पीना नहीं दिया जाएगा। मिल प्रबंधन की ओर से लड़कियों को घर वापसी में मदद नहीं की जा रही है। बल्कि रोका जा रहा है। काफी संख्या में लड़कियां लॉक डाउन से पहले ही वापस आना चाहती थीं। लेकिन उन्हें अब तक वापस आने में सफलता नहीं मिली है। 

सरकार से गुहार:
जेजे मिल्स में झारखंड के विभिन्न जिलों की काफी संख्या में लड़कियां काम कर रही हैं। इनमें करीब 135 लड़कियां तत्काल वापस आना चाहती हैं। लड़कियों ने सरकार से वापसी में मदद का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल के बाद इन लड़कियों में वापसी की उम्मीद जागी है। फंसी हुई कुछ लड़कियों के नाम हैं : हुलासी, सावित्री, खुश्बू, संगीता, राधिका, अनीता, तबस्सुम आरा, शांति, सूरजमनी, अंकिता, रेश्मी, रीता, रेणू, सीमा, ज्योती, सुनी, रेखा, मीना, राखी, अमृता, श्वेता आदि।