मजबूरियों से हार गई मां / मां की मौत हो चुकी थी, बच्चा कफन को चादर समझकर खेलता रहा... इस उम्मीद में कि मां अभी उठ जाएगी

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यह तस्वीर बिहार के मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन की है। ढाई साल का यह बच्चा अपनी उस मां को चादर खींचकर उठाने की कोशिश कर रहा है, जो अब इस दुनिया में है ही नहीं। गुजरात से आते वक्त उनकी मौत हो चुकी है। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।

दैनिक भास्कर

May 27, 2020, 07:07 PM IST

पटना. आप इस वीडियो को शायद ही बर्दाश्त कर पाएं। देख पाना मुश्किल हो रहा होगा। बेहद मुश्किल। यह तस्वीर बिहार के मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन की है। ढाई साल का बच्चा मां के शव को ढंकने वाली चादर से खेल रहा है। बच्चे को पता ही नहीं कि उसकी मां अब इस दुनिया में नहीं है। चादर, जो अब कफन बन चुकी है, उसे वह जितना भी हटाए, मां नहीं उठेगी। लेकिन बच्चा इस उम्मीद में है कि मां अभी उठेगी, जरूर उठेगी।

यह वीडियो किसने शूट किया, इसका अब तक पता नहीं चल पाया है। लेकिन कई लोगों ने साेशल मीडिया पर इसे साझा किया। इसके बाद यह वायरल होता चला गया। 

महिला का नाम अरवीना खातून (35) था। वह कटिहार की रहने वाली थी। महिला अपनी बहन और जीजा के साथ श्रमिक एक्सप्रेस से अहमदाबाद से बिहार आ रही थी। बीते रविवार वह ट्रेन में सवार हुई। खाना और पानी न मिलने के चलते ट्रेन में महिला की स्थिति खराब हो गई।

सोमवार को दोपहर करीब 12 बजे महिला की ट्रेन में मौत हो गई। ट्रेन मुजफ्फरपुर जंक्शन पर दोपहर के करीब तीन बजे पहुंची। तब रेलवे पुलिस ने महिला का शव ट्रेन से उतारा। महिला के शव को जब प्लेटफॉर्म पर रखा गया, तब उसका ढाई साल का बच्चा करीब पहुंच गया। वह मां के पास खेलने लगा। उसे जगाने की कोशिश करने लगा।

रेलवे पुलिस ने कहा- महिला एक साल से बीमार थी

जीआरपी के डिप्टी एसपी रमाकांत उपाध्याय ने कहा, 'यह घटना 25 मई की है। महिला अहमदाबाद से आ रही थी। महिला की मधुबनी में मौत हो गई। उसकी बहन ने बताया कि अचानक ही महिला की मौत हो गई। खाने और पानी की कोई समस्या नहीं थी। महिला को पिछले एक साल से कोई बीमारी थी। वह दिमागी तौर से अस्थिर भी थी। मौत के कारणों के बारे में डॉक्टर ही बता सकते हैं।'
 
ट्रेन में मौतों का जिम्मेदार कौन- आरजेडी

बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के सहयोगी संजय यादव ने यह वीडियो ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा- यह मासूम नहीं जानता कि जिस चद्दर से वह खेल रहा है, वह उसकी मां का कफन है, जो अब कभी नहीं लौटेगी। ट्रेन में 4 दिन से चल रही इसकी मां की भूख और प्यास से मौत हो गई। ट्रेन में होने वाली इन मौतों का जिम्मेदार कौन है? क्या विपक्ष यह परेशान करने वाला सवाल नहीं पूछ सकता?

चार साल के बच्चे की भी हुई थी मौत

देश भर से प्रवासी श्रमिक स्पेशल ट्रेन से बिहार लौट रहे हैं। रोज 100 से अधिक ट्रेन प्रवासियों को लेकर बिहार आ रही हैं। ट्रेन में खाना और पानी न मिलने की शिकायतें भी मिल रही हैं। मुजफ्फरपुर स्टेशन पर सोमवार को चार साल के बच्चे इरशाद की भी मौत हुई थी। पश्चिम चंपारण जिले के तुलाराम घाट के रहने वाले मोहम्मद पिंटू शनिवार को दिल्ली से पटना के लिए चले थे। सोमवार सुबह मुजफ्फरपुर जंक्शन पहुंचे। मुजफ्फरपुर में बेतिया की ट्रेन में चढ़ने के दौरान इरशाद की मौत हो गई। पिंटू ने बताया कि उमस भरी गर्मी और खाना ना मिलने की वजह से बच्चे की मौत हो गई।