आईओए में छिड़ा घमासान, नैतिक आयोग भंग और फिर बहाल
by एजेंसी,नई दिल्लीभारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष डॉ. नरिंदर ध्रुव बत्रा और महासचिव राजीव मेहता के बीच घमासान लगातार तेज होता जा रहा है और पिछले कुछ दिनों में इसने काफी खराब रुख अख्तियार कर लिया है। बत्रा ने मेहता को भेजे ईमेल में कहा था कि उन्होंने मेहता के काम का बोझ काम करने के लिए उनके काम को बांटने का फैसला किया है, लेकिन मेहता का यह बात रास नहीं आई और उन्होंने बत्रा को भेजे अपने जवाब में कहा था कि खेलों की सेवा करना उनका मिशन है और उन्हें अपने काम को लेकर किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हैं।
बत्रा ने सोमवार को संयुक्त सचिव राकेश गुप्ता को आधिकारिक मिनट्स रिकॉर्डर नियुक्त किया था और मंगलवार को महासचिव राजीव मेहता ने आईओए के नैतिक आयोग को भंग करने के बत्रा के फैसले को 'अवैध' ही ठहरा दिया। नौ सदस्यीय नैतिक आयोग में शामिल भाजपा प्रवक्ता और आईओए के उपाध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने राकेश गुप्ता की आधिकारिक मिनट्स रिकॉर्डर के रूप में नियुक्ति को आईओए संविधान के खिलाफ बताया और कहा कि अध्यक्ष होने के नाते आपको संविधान के प्रावधानों का पालन करना चाहिए न कि संविधान का उल्लंघन करना चाहिए।
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आईओए के अध्यक्ष बत्रा ने हाल में मेहता को अपने पत्र में कहा था, “मैं यह देख रहा हूं कि आपने आईओए में काम का काफी बोझ ले रखा है। मैंने फैसला किया है कि आपके काम के बोझ को सम्भालूं और आपके काम को बांटू। चूंकि मैं दिल्ली में रहता हूं और कुछ अन्य लोग भी नियमित रूप से दिल्ली आते रहते हैं इसलिए हम लोग जिम्मेदारियों को बांट सकते हैं।”
बत्रा के पत्र के जवाब में मेहता ने कहा था कि खेलों को प्रोत्साहन देना और खेलों की सेवा करना उनका एकमात्र मिशन है। मेहता ने कहा, “मैंने अपना पूरा जीवन खेलों को समर्पित कर दिया है और आईओए ने मुझे जो काम दिया है उससे मुझे कोई परेशानी नहीं है। मुझे रोजाना हर कार्य की रिपोर्ट कायार्लय से मिलती है। जहां तक आपकी मेरी कुछ जिम्मेदारी लेने की मंशा है तो मैं यह बताना चाहता हूं कि महासचिव के रूप में आईओए ने मुझे जो काम सौंपे हैं मैं उनसे पूरी तरह सहज हूं और कामों को लेकर मुझे कोई परेशानी नहीं है।”
आईओए महासचिव ने साथ ही कड़े शब्दों में कहा था, “यदि आपके मन में आईओए के रोजाना के कामकाज करने की इच्छा थी तो मैं 2017 में ही अपने पद से इस्तीफ़ा दे देता और आपको आईओए के महासचिव पद का चुनाव लड़ना चाहिए था। यह मैं नहीं हूं जो अंतरार्ष्ट्रीय फेडरेशन और राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष एक ही समय पर है और उसके पास परिवार के लिए कोई समय नहीं है।”
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मेहता का यह कटाक्ष बत्रा पर था जो आईओए के अध्यक्ष होने के साथ-साथ अंतरार्ष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा, “मैं यह कहना चाहता हूं कि आप हॉकी इंडिया और एफआईएच के अपने काम को जारी रखते हुए दिल्ली में अपने परिवार के साथ क्वालिटी समय गुजारें।”
इसके बाद बत्रा ने आईओए ने संयुक्त सचिव राकेश गुप्ता को आधिकारिक मिनट्स रिकॉर्डर बनाया। बत्रा ने कहा कि आईओए की कार्यकारी समिति की बैठक के मिनट्स को 14 दिनों के अंदर तथा वार्षिक आम सभा और विशेष आम सभा के मिनट्स को बैठक के 30 दिनों के भीतर दिया जाना होता है। लेकिन 2017 से उनके अध्यक्ष बनने के बाद से मिनट्स कभी निर्धारित समय में नहीं भेजे गए हैं और इन्हें भेजने में महीनों का विलम्ब किया गया है।
बत्रा ने राकेश गुप्ता को पत्र में कहा, “मैं आपको 2021 में होने वाले अगले चुनावों तक के लिए आईओए की कार्यकारी समिति की बैठक, वार्षिक आम सभा और विशेष आम सभा बैठक के लिए आधिकारिक मिनट्स रिकॉर्डर नियुक्त करता हूं। ”
नए घटनाक्रम में मेहता ने नैतिक आयोग को भंग करने के अध्यक्ष बत्रा के फैसले को अवैध करार दिया। इस आयोग को 2017 में नियुक्त किया गया था। मेहता ने कार्यकारी परिषद के सदस्यों, राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) और राज्य ओलंपिक समितियों को पत्र लिखकर कहा, “अध्यक्ष का 19 मई 2020 के पत्र के जरिए आईओए नैतिक आयोग को भंग करना अवैध पाया गया है और आयोग को पुन: बहाल किया जाता है। आईओए के विधि विभाग के चेयरमैन इस मामले की जांच करेंगे। आईओए की कार्यकारी परिषद की अगली बैठक में आयोग/ समितियों के मुद्दों पर चचार् होगी।”