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चीन में मानव के शरीर पर पहले कोरोना वैक्सीन का परीक्षण, जानें क्या रहा नतीजा

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चीनी अनुसंधान टीम ने ने कोविड-19 टीके का मानव पर परीक्षण किया है। इस बात की जानकारी चीनी अनुसंधान टीम ने ब्रिटिश चिकित्सा पत्रिका द लासेंट को दी है। पहले चरण के क्लिनिकल परीक्षण परिणाम से जाहिर है कि यह टीका सुरक्षित है। चीनी विज्ञान अकादमी के सदस्य रो त्सी ह ने बताया कि निसंदेह चीनी वैज्ञानिकों के अध्ययन कार्य ने कोविड-19 महामारी के अंतरराष्ट्रीय मुकाबले के लिए अहम वैज्ञानिक प्रमाण प्रदान किए हैं।

द लासेंट पर जारी इस टीके का परीक्षण 108 वयस्कों के बीच किया गया। पहले चरण के परीक्षण से पता चला है कि यह टीका सुरक्षित है और इस की अच्छी सहनशीलता है, लेकिन अधिक अध्ययन की जरूरत है कि क्या यह टीका कोविड-19 संक्रमण की प्रभावी रोकथाम कर सकेगा या नहीं।

द लासेंट के मुख्य संपादक रिचोर्ड होर्टन ने सोशल मीडिया पर इस खबर को शेयर किया और इस परीक्षण के परिणाम को मील का पत्थर बताया। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार अब विश्व में कोविड-19 की रोकथाम के लिए 120 से अधिक टीकों का अनुसंधान चल रहा है, जिन में से कुछ का क्लिनिकल आकलन किया जा रहा है।

WHO ने हाइड्रोक्लोरोक्वीन दवा के ट्रायल पर लगाई रोक
इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना के संभावित इलाज के लिए कारगर मानी जा रही हाइड्रोक्लोरोक्वीन दवा के ट्रायल पर रोक लगा दी है। ऐसा सुरक्षा कारणों के चलते किया गया है। बता दें कि हाइड्रोक्लोरोक्वीन मलेरिया के रोगियों को दी जाती है।

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडनोम घेबियस ने एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि बीते सप्ताह लैंसेट में एक अध्ययन के प्रकाशित होने के बाद यह फैसला लिया गया कि कोविड-19 रोगियों पर दवा का उपयोग करने से उनके मरने की संभावना बढ़ सकती है।

इसके चलते डब्ल्यूएचओ ने परीक्षणों को निलंबित कर दिया है, जबकि सुरक्षा को लेकर इसकी समीक्षा की जा रही है। टेड्रोस के मुताबिक, पहले डेटा सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड सेफ्टी डेटा की समीक्षा करेगा। ट्रायल के बाकी हिस्से जारी रहेंगे।