https://himachalabhiabhi.com/wp-content/uploads/2020/05/kla.jpg

सूरज डूबने से पहले ही यहां से लौट आते हैं लोग, जानिए क्या है इस किले का रहस्य

पैर फिसलने से यहां हो चुकी है कई लोगों की मौत

नई दिल्ली। हमारे देश में कई रहस्यमयी किले मौजूद हैं और हर किले की कोई ना कोई रहस्यमयी कहानी भी होती है। आज हम आपको ऐसे ही एक किले (Fort) के बारे में बताने जा रहे हैं। इस किले को कलावंती किले (Kalavanti Fort) के नाम से जाना जाता है। यह किला महाराष्ट्र के माथेरान और पनवेल के बीच स्थित है। रात होते ही इस किले का माहौल बदल जाता है। बताया जाता है कि यहां से गिरने की वजह से कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। 2300 फीट ऊंची खड़ी पहाड़ी पर बने इस किले में जाने वाले लोग सूरज डूबने (Sun set) से पहले ही लौट आते हैं। खड़ी चढ़ाई होने के कारण इंसान यहां लंबे समय तक नहीं टिक पाता है। शाम होते ही यहां मीलों दूर तक सन्नाटा फैल जाता है। यहां चट्टानों को काटकर सीढ़ियां बनाई गई हैं, लेकिन इन सीढ़ियों पर ना तो रस्सियां है और ना ही कोई रेलिंग। बताया जाता है पैर फिसलने से यहां कई लोगों की मौत भी हो चुकी है।

https://himachalabhiabhi.com/wp-content/uploads/2020/05/kila.jpg

इस किले को मनहूस मानते हैं स्थानीय लोग

स्थानीय लोगों के मुताबिक यह किला मनहूस हो चुका है। सैकड़ों लोगों की मौत की वजह से इस जगह नकारात्मकता (Negativity) का वास माना जाता है। कई लोग यहां सुसाइड कर चुके हैं। इस किले को पहले मुरंजन किले के नाम से जाना जाता था, लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज के राज में इसका नाम बदल कर कलावंती दुर्ग कर दिया गया। इस किले से चंदेरी, माथेरान, करनाल और इर्शल किले भी नजर आते हैं। अक्टूबर से मई महीने तक घूमने के लिए यहां ज्यादा संख्या में सैलानी आते हैं।

हिमाचल और देश-दुनिया की ताजा अपडेट के लिए join करें हिमाचल अभी अभी का Whats App Group