Lockdown में ढील के बाद बढ़े कोरोना केस, ठीक होते रहे लोग तो टेंशन नहीं- केजरीवाल

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नई दिल्‍ली। कोरोना वायरस का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजधानी दिल्‍ली में तो बुरा हाल है। संक्रमित मरीजों की संख्‍या लगातार बढ़ रही है। अब दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लॉकडाउन में दी गई ढील इसका मुख्‍य कारण बताया है। प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर केजरीवाल ने कहा है कि लॉकडाउन में ढील के कारण दिल्ली में कोविड 19 के मामले बढ़ गए हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि तब तक चिंता की कोई बात नहीं है जब तक कि मृत्यु दर या गंभीर मामलों की संख्या तेजी से न बढ़े। केजरीवाल ने कहा कि अगर लोग वायरस के संपर्क में आते हैं और ठीक हो जाते हैं तो फिर घबराने जैसी कोई बात नहीं है।

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सीएम केजरीवाल ने कहा कि 17 मई को लॉकडाउन में काफी ढील दी गई थी। आज एक हफ्ते का वक्‍त निकल चुका है और मैं कह सकता हूं कि स्थिति कंट्रोल में हैं। जब लॉकडाउन में ढील दी गई थी तो ऐसी उम्‍मीद थी कि संक्रमण के मामले बढ़ेंगे। मामले बढ़े भी हैं लेकिन चिंता जैसी बात नहीं है। केजरीवाल ने कहा कि हमे बस इस बात का ध्‍यान रखना कि गंभीर मामले न आएं। उन्‍होंने बताया कि दिल्‍ली में अबतक 13 हजार से ज्‍यादा केस हैं लेकिन 6000 से ज्‍यादा लोग ठीक भी हुए हैं।

दिल्‍ली के सरकारी अस्‍पतालों में 3829 बेड हैं, इनमें से अधिकतर में ऑक्‍सीजन की सुविधा है। उन्‍होंने बताया कि डेढ़ हजार बेड इस्‍तेमाल में हैं बाकी खाली हैं। हमारे पास 200 से ज्‍यादा वेंटिलेटर हैं जिनमें से 11 इस्‍तेमाल हुए हैं। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्राइवेट अस्पतालों में 600 से अधिक बेड कोरोना के रिजर्व हैं, इसके अलावा आज से 2000 से अधिक बेड प्राइवेट अस्पताल में रिजर्व होगा। उन्‍होंने बताया कि दिल्‍ली ऐसे केस अधिक आ रहे हैं जिनमें लक्षण काफी कम हैं या फिर कोई लक्षण ही नहीं हैं। जिनमें लक्षण काफी कम हैं उन्‍हें घरों में रखा जा रहा है। उन्‍होंने बताया कि लगभग 3000 लोगों का इलाज अभी घर पर ही चल रहा है।

अरविंद केजरीवाल बोले कि दिल्ली के एक प्राइवेट अस्पताल ने कोरोना मरीज को बेड नहीं दिया, ऐसा नहीं हो सकता है। हमने उस अस्पताल को नोटिस दिया है और ऐसा करने का कारण मांगा है। किसी भी मरीज के साथ ऐसा नहीं कर सकते हैं। जल्द ही एक ऐसा सिस्टम लाएंगे, जिससे लोगों को ये पता चल सके कि किस अस्पताल में कितने बेड खाली हैं।

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