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अपने पिता को साइकिल पर बिठाकर गुरुग्राम से 1200 किमी दूर दरभंगा पहुंची ज्योति

गुरुग्राम से बिहार की साइकिल यात्रा, ज्योति के सम्मान में डाक टिकट जारी

दरभंगा पोस्टल विभाग के अधीक्षक उमेश चंद्र प्रसाद ने खुद ज्योति के गांव पहुंच कर उसे डाक टिकट देकर सम्मानित किया. ज्योति को फेरारी क्वीन का दर्जा देते हुए अधीक्षक ने 5100 रुपये का चेक देकर ज्योति को आर्थिक मदद के साथ-साथ वस्त्र भी प्रदान किए.

अपने पिता को साइकिल पर बिठा कर गुरुग्राम से बिहार के दरभंगा लाने वाली महज 15 साल की ज्योति के हौसले और जज्बे की चारों ओर तारीफ हो रही है. इस बीच ज्योति का इस साहसिक काम के लिए अलग-अलग तरह से लोग सम्मान भी कर रहे हैं. इसी कड़ी में दरभंगा डाक विभाग ने ज्योति के सम्मान में My Stamp डाक टिकट जारी किया है.

दरभंगा पोस्टल विभाग के अधीक्षक उमेश चंद्र प्रसाद ने खुद ज्योति के गांव पहुंच कर उसे यह डाक टिकट देकर सम्मानित किया. फेरारी क्वीन का दर्जा देते हुए अधीक्षक ने 5100 रुपये का चेक देकर ज्योति को आर्थिक मदद के साथ-साथ अंग वस्त्र भी प्रदान किए. डाक विभाग ने ज्योति का एक खाता भी पोस्ट ऑफिस में मौके पर ही खोला और ज्योति के पिता मोहन पासवान को पाग चादर देकर सम्मानित किया. इस मौके पर डाक विभाग के कई अधिकारी भी मौजूद थे.

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डाक अधीक्षक ने ज्योति के साहसिक काम और उसके हिम्मत की तारीफ करते हुए कहा कि ज्योति ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का परिचय दिया है. देश को महिला शक्ति का एक नया आयाम दिया है जिसने अभी बाल्य अवस्था में इतनी हिम्मत दिखाई. उन्होंने कहा कि आगे भविष्य में वह देश का नाम रौशन करे, ईश्वर से यही प्रार्थना है. डाक विभाग से सम्मान पाकर ज्योति ने एक साथ डाक विभाग और देश के प्रधानमंत्री को इस सम्मान के लिए धन्यवाद दिया.

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