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शिवसेना सांसद संजय राउत (फोटो-PTI)

महाराष्ट्र और यूपी सरकार में बढ़ी रार, संजय राउत ने CM योगी पर कसा तंज

श्रमिकों के मुद्दे पर महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में विवाद थमता नहीं दिख रहा है. महाराष्ट्र में प्रवासी मजदूरों के साथ दुर्व्यवहार के बारे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी के बयान पर शिवसेना ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है.

प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे पर महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में विवाद थमता नहीं दिख रहा है. महाराष्ट्र में प्रवासी मजदूरों के साथ दुर्व्यवहार के बारे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी के बयान पर शिवसेना ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है.

शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, 'लाखों श्रमिकों को हमने उत्तर प्रदेश भेजा है. जो लोग पैदल चलकर गए उनकी जिम्मेदारी हमारी नहीं केंद्र सरकार की है. लेकिन अगर आप उनसे (श्रमिकों से) बात करेंगे तो उनके दिल और दिमाग से एक ही आवाज आएगी 'जय महाराष्ट्र'.'

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संजय राउत ने कहा, 'हम इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं करते हैं. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि उत्तर प्रदेश के सीएम ऐसी भाषा का प्रयोग करते हैं जिनका संत के रूप में सम्मान किया जाता है. वह महात्मा हैं. योगी जी ने ये शब्द इस्तेमाल किए हैं. इतने सालों तक मुंबई ने पूरे देश के प्रवासी श्रमिकों की देखभाल की है. उनका ध्यान रखा गया है और वे यहां पले बढ़े हैं. उन्हें यहां भोजन और आश्रय मिलता है. उनमें से कई लोग उत्तर प्रदेश के थे और यहां सद्भाव में रहते थे. कठिनाई के इस समय में कई समस्याओं के कारण उन्हें वापस जाना पड़ा. केंद्र सरकार की कुछ नीतियां इसके लिए जिम्मेदार हैं, लॉकडाउन के कारण कोई काम नहीं हो रहा है. इसलिए अगर कोई इसके लिए महाराष्ट्र को दोषी मानता है, तो यह सही नहीं है.'

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संजय राउत शिवसेना के मुखपत्र सामना के मुख्यालय पर जुटे मीडियाकर्मियों से ये बात कही.

योगी ने हाल ही में यह भी कहा था कि उनकी सरकार अपने लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेगी और यदि अन्य राज्यों को उत्तर प्रदेश से मजदूरों की आवश्यकता है, तो उन्हें पहले यूपी राज्य से अनुमति लेनी होगी. इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राउत ने कहा, "अगर वे अपने लोगों को महाराष्ट्र या किसी अन्य राज्य में नहीं भेजना चाहते हैं तो यह राज्य की जिम्मेदारी है, हमारी नहीं है."

रेल मंत्री को नाराज होने की जरूरत नहीं

संजय राउत ने रेल मंत्री पीयूष गोयल के उस आरोप पर बोला जिनमें उन्होंने कहा था महाराष्ट्र उन यात्रियों की सूची उपलब्ध नहीं करवा रहा है जो श्रमजीवी विशेष ट्रेनों में यात्रा कर रहे हैं. राउत ने कहा, " इसकी कोई आवश्यकता नहीं है. मुझे नहीं पता कि किस अन्य राज्य से रेल मंत्रालय ने यात्री सूची मांगी है, लेकिन इस मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार का काम उल्लेखनीय है. हम इस बात से सहमत हैं कि रेल मंत्रालय पर लोगों को उनके राज्य भेजने के लिए बहुत दबाव है. हमने जितनी गाड़ियां मांगी थीं, उतनी हमें नहीं मिलीं. इसलिए अगर कोई महाराष्ट्र सरकार की ओर से कोई टिप्पणी करता है तो उसे इतना नाराज होने की कोई जरूरत नहीं है."

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उन्होंने आगे कहा, "जो सूची हमें देनी थी, वह दे दी गई है. महाराष्ट्र सरकार लाखों प्रवासी श्रमिकों को उनके घर भेज चुकी है, जो एक बड़ी बात है. बहुत से ऐसे हैं जो अभी भी विभिन्न राज्यों में जाना चाहते हैं. यदि केंद्र और राज्य दोनों सरकार मिलकर काम करती हैं और फिर ये सभी लोग अपने घरों तक पहुंच सकते हैं."