कराची प्लेन क्रैश / पायलट ने तीन बार चेतावनी को नजरअंदाज किया था; जांच टीम पर भी सवाल उठे, इसमें सभी सदस्य एयरफोर्स के अफसर

by
https://i10.dainikbhaskar.com/thumbnails/813x548/web2images/www.bhaskar.com/2020/05/25/ccc_1590404388.jpg
तस्वीर कराची की उस जिन्ना कॉलोनी की है, जहां शुक्रवार को पीआईए का प्लेन क्रैश हुआ था। हादसे में आसपास के रहने वाले 11 लोग घायल हो गए थे।

दैनिक भास्कर

May 25, 2020, 05:40 PM IST

इस्लामाबाद. पाकिस्तान के कराची में 22 मई को हुए प्लेन क्रैश में पायलट की तीन गलतियां सामने आ रही हैं।  पाकिस्तानी न्यूज चैनल ‘जियो न्यूज’ के मुताबिक, पायलट को एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) ने तीन वॉर्निंग दीं। उसने तीनों बार इन्हें अनसुना कर दिया। दूसरे शब्दों में कहें तो पायलट ने एटीसी के आदेशों का पालन नहीं किया। दूसरी तरफ, पाकिस्तान के पायलट्स एसोसिएशन ने हादसे की जांच के लिए बनाई गई समिति पर सवालिया निशान लगाए। संगठन के मुताबिक, जांच टीम में एक भी कमर्शियल पायलट नहीं रखा गया। जबकि, क्रैश होने वाला एयरक्राफ्ट कमर्शियल या पैसेंजर प्लेन था। 

22 मई को पीआईए का प्लेन ए-320 कराची जा रहा था। यह प्लेन कराची में जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास ही जिन्ना गार्डन एरिया में क्रैश हो गया। इस हादसे में 97 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 2 लोग बचाए गए थे। 

1. पहली चेतावनी
जियो न्यूज ने एटीसी के हवाले से बताया- लाहौर से कराची आ रहा पीआईए का प्लेन ए-320 जब जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 15 नॉटिकल मील (27.78 किलोमीटर) दूर था, तब वह 10 हजार फीट ऊंचाई पर था। एटीसी ने पायलट से कहा- एयरक्राफ्ट की ऊंचाई सात हजार फीट रखें। पायलट का जवाब था कि वो इस ऊंचाई से संतुष्ट है।

2. दूसरी चेतावनी
जब प्लेन 10 नॉटिकल मील (18.52 किमी) दूर था तब इसकी ऊंचाई सात हजार फीट थी। इसे तीन हजार फीट होना चाहिए था। इसीलिए, एटीसी ने दूसरी चेतावनी दी। पायलट ने इसे भी नजरअंदाज कर दिया। उसने जवाब दिया कि वो ऊंचाई से संतुष्ट है और हालात संभाल लेेगा। 

3. तीसरी चेतावनी
प्लेन जब पहली कोशिश में लैंड नहीं हो पाया तो पायलट ने खुद ही गो-अराउंड (गोल चक्कर) का फैसला लिया। इस दौरान प्लेन 1800 फीट की ऊंचाई पर था। एटीसी ने तीसरी वाॅर्निंग दी। प्लेन को तीन हजार फीट की ऊंचाई पर ले जाने को कहा। इस पर पायलट ने जवाब दिया कि वो इसके लिए कोशिश कर रहा है। चंद मिनट बाद एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया।

फ्यूल की कमी नहीं थी

यह साबित हो चुका है कि प्लेन में ईंधन यानी फ्यूल की कमी नहीं थी। रिपोर्ट में कहा गया कि प्लेन में इतना ईंधन था कि वह 2.34 घंटे तक उड़ सकता था। लाहौर से कराची आने में सिर्फ 1.33 घंटे लगते हैं। अब जांच टीम यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि गलती का जिम्मेदार पायलट था या कोई टेक्निकल फॉल्ट भी क्रैश की वजह बना। 

सीएए भी जारी कर चुका है रिपोर्ट
पाकिस्तान की सिविल एविएशन अथॉरिटी (सीएए) की रिपोर्ट के अनुसार, फ्लाइट ने जिन्ना नेशनल एयरपोर्ट पर उतरने की पहली कोशिश में तीन बार रनवे छुआ था। रनवे पर रगड़ के साथ चिंगारी भी भड़की थी। तीसरी बार रनवे छूने के बाद पायलट ने प्लेन को फिर से हवा में उठा लिया था। माना जा रहा है कि इसी दौरान ऑयल और फ्यूल पंप खराब हुए। इनमें लीकेज हुई होगी। इसके चलते प्लेन ज्यादा ऊंचाई पर नहीं जा पाया और क्रैश हो गया। अजीब बात यह है कि इस दौरान कॉकपिट में मौजूद क्रू ने एटीसी को कोई जानकारी नहीं दी थी। 

जांच टीम पर सवाल
पाकिस्तान में पायलटों के संघ और विमानन क्षेत्र के विशेषज्ञों ने जांच टीम पर सवाल उठाए हैं। प्लेन क्रैश की जांच एयर फोर्स कर रही है। पाकिस्तान एयरलाइंस पायलट एसोसिएशन (पाल्पा) के सेक्रेटरी कैप्टन इमरान नैरेजो ने ‘द डॉन’  अखबार से कहा, ‘‘जांच टीम सही नहीं है। इसमें कॉमर्शियल पायलट को शामिल नहीं किया गया है। कॉमर्शियल प्लेन से जुड़े हादसे को एक कॉमर्शियल पायलट ही बेहतर तरीके से समझ सकता है।’’ पाकिस्तान ने प्लेन क्रैश की जांच के लिए चार सदस्यीय एक जांच टीम बनाई है। इसमें तीन सदस्य ‘एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इंवेस्टिगेशन बोर्ड’ के हैं, जबकि एक एयरफोर्स के सेफ्टी बोर्ड से है। ये तीन महीने में रिपोर्ट सौंपेगी।