पूर्वी लद्दाख में तनाव / विवादित इलाकों में चीन के 5 हजार सैनिक, सड़क बनाने के लिए भारी मशीनें लाया; भारत ने भी ताकत बढ़ाई, पुल भी बना रहा
by दैनिक भास्कर- भारत और चीन के जवानों के बीच इस महीने तीन बार टकराव, कमांडर लेवल पर बातचीत से मुद्दा सुलझाने की कोशिश भी हुई
- रिपोर्ट में कहा गया- चीन ने भारतीय जवानों को बंधक बनाने के बाद छोड़ा, भारतीय सेना ने इन रिपोर्ट को दरकिनार कर दिया
दैनिक भास्कर
May 25, 2020, 06:49 PM IST
नई दिल्ली. लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पास कई सेक्टरों में चीन ने करीब 5 हजार जवान तैनात कर दिए हैं। पड़ोसी के इस कदम के बाद भारतीय सेना ने भी इन इलाकों में अपने जवान बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। इसी महीने दोनों सेनाओं के बीच तीन बार अलग-अलग जगहों पर टकराव हो चुका है। पिछले हफ्ते दोनों देशों की सेनाओं के कमांडर बातचीत कर मुद्दा सुलझाने की कोशिश भी कर चुके हैं।
गलवान नाले के पास दोनों सेनाएं डटीं
- न्यूज एजेंसी एएनआई को सूत्रों ने बताया कि एलएसी के पास चीन ने अपने सैनिकों को दौलत बेग ओल्डी और इससे जुड़े इलाकों के पास तैनात किया है, जहां पर भारतीय सेना की 81 और 114 ब्रिगेड तैनात है।
- चीन की सेना एलएसी के पास स्थित पेनगॉन्ग लेक के पास अपने जवानों को ले आई है। इसके साथ ही वह यहां पर भारी वाहन भी लाई है। गलवान नाला एरिया में भारतीय पोस्ट केएम 120 से करीब 15 किमी दूर चीनी सैनिकों ने अपने टेंट लगा लिए हैं। चीन गलवान में बंकर बनाने के लिए भारी उपकरण भी ला रहा है।
- भारतीय सीमा इस तरह के इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने पर ऐतराज भी जाहिर कर चुका है, लेकिन चीनी सेना लगातार काम में जुटी है।
- इसी इलाके में भारतीय सेना ने पेट्रोलिंग पोस्ट 14 के पास ब्रिज बना रही है। इसका चीन की सेना ने विरोध किया था।
- पोस्ट केएम 120 पर किसी भी वक्त सेना और आईटीबीपी के 250 जवान रहते हैं। लेकिन, भारत अब यहां ज्यादा जवान और उपकरण भेज रहा है। ईस्टर्न लद्दाख सेक्टर में भारत दौलतबेग ओल्डी में एयरफील्ड का इस्तेमाल पूर्वी लद्दाख में जवान भेजने में कर रहा है।
- दौलत बेग ओल्डी में भारतीय सड़क के पास एयरफील्ड बनाने के पुराने प्रपोजल पर भी फिर से विचार किया जा रहा है। यह इलाका इस लिहाज से अहम है कि यहां पर चीन की सेना भारत के एरियल मूवमेंट पर नजर नहीं रख सकती है।
जवान बंधक बनाए जाने की रिपोर्ट पर भारत ने कहा- ये गलत हैं
भारतीय सेना ने रविवार सुबह एक रिपोर्ट को लेकर बयान जारी किया था। इसमें कहा गया था कि चीन की सेना ने भारतीय सैनिकों को कुछ दिन बंधक बनाने के बाद छोड़ा। सेना ने कहा- सीमा पर किसी भी भारतीय सैनिक को बंधक नहीं बनाया गया। जब मीडिया इस तरह की अपुष्ट चीजों को पब्लिश करता है तो यह केवल राष्ट्रीय हितों को चोट पहुंचाता है
इस महीने भारत और चीन में तीन झड़पें हुईं
1) तारीख- 5 मई, जगह- पूर्वी लद्दाख की पैंगोंग झील
उस दिन शाम के वक्त इस झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर-5 इलाके में भारत-चीन के करीब 200 सैनिक आमने-सामने हो गए। भारत ने चीन के सैनिकों की मौजूदगी पर ऐतराज जताया। पूरी रात टकराव के हालात बने रहे। अगले दिन तड़के दोनों तरफ के सैनिकों के बीच झड़प हो गई। बाद में दोनों तरफ के आला अफसरों के बीच बातचीत के बाद मामला शांत हुआ।
2) तारीख- संभवत: 9 मई, जगह- उत्तरी सिक्किम में 16 हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद नाकू ला सेक्टर
यहां भारत-चीन के 150 सैनिक आमने-सामने हो गए थे। आधिकारिक तौर पर इसकी तारीख सामने नहीं आई। हालांकि, द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, यहां झड़प 9 मई को ही हुई। गश्त के दौरान आमने-सामने हुए सैनिकों ने एक-दूसरे पर मुक्कों से वार किए। इस झड़प में 10 सैनिक घायल हुए। यहां भी बाद में अफसरों ने दखल दिया। फिर झड़प रुकी।
3) तारीख- संभवत: 9 मई, जगह- लद्दाख
जिस दिन उत्तरी सिक्किम में भारत-चीन के सैनिकों में झड़प हो रही थी, उसी दिन चीन ने लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर अपने हेलिकॉप्टर भेजे थे। चीन के हेलिकॉप्टरों ने सीमा तो पार नहीं की, लेकिन जवाब में भारत ने लेह एयरबेस से अपने सुखोई 30 एमकेआई फाइटर प्लेन का बेड़ा और बाकी लड़ाकू विमान रवाना कर दिए। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो हाल के बरसों में ऐसा पहली बार हुआ जब चीन की ऐसी हरकत के जवाब में भारत ने अपने लड़ाकू विमान सीमा के पास भेजे।