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मानसिक मजबूती कोरोना को हराने में कारगर, रिकवरी रेट ज्यादा

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अगर आपकी इम्युनिटी मजबूत है। अनुशासित जीवन शैली और कठोर परिश्रम की आदत है तो कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बावजूद रिकवरी की संभावना बढ़ जाती है। जानकारों का कहना है कि सुरक्षा बलों में संक्रमित जवानों का रिकवरी रेट इसीलिए सामान्य औसत की तुलना में ज्यादा है, क्योंकि वे मानसिक व शारीरिक रूप से ज्यादा मजबूत होते हैं।

राष्ट्रीय स्तर पर कोविड संक्रमित के ठीक होने की दर 40 फीसदी के आसपास है। कुछ राज्यों में 47 फीसदी तक है, लेकिन सुरक्षा बलों में कोरोना संक्रमित के ठीक होने की दर 70 फीसदी के आसपास है।

सीमा सुरक्षा बल में संक्रमित जवानों के ठीक होने की दर 72.2 फीसदी है। बीएसएफ प्रवक्ता शुभेंदु भारद्वाज ने कहा इच्छाशक्ति दृढ़ हो तो इस बीमारी से पार पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां दो कैंसर मरीज और तीन किडनी के मरीज (जिनको डायलिसिस सप्ताह में तीन बार कराना पड़ता था)कोरोना वायरस से ग्रसित हुए और इस महामारी से उबर कर बाहर आए। कुल 410 मरीजों में से 296 ठीक हो गए हैं।

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आईटीबीपी में भी संक्रमित हुए जवानों के ठीक होने की दर 65 फीसदी के आसपास है। आईटीबीपी प्रवक्ता विवेक पाण्डेय ने बताया कि उनके सुरक्षा बल में किसी भी जवान में संक्रमण से जुड़ी गंभीर जटिलता नहीं नजर आई।

अब तक संक्रमित 189 जवानों में से 121 ठीक हो चुके हैं। जिस तरह से रिकवरी हो रही है, उससे उम्मीद जाहिर की जा रही है कि लगभग सभी जवान संक्रमण से बाहर आने में सफल होंगे। सीआरपीएफ में दो जवान की मौत हो गई थी, लेकिन अब वहां भी ज्यादातर जवान संक्रमण से बाहर आ रहे हैं।