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दो महीने बाद देश में घरेलू उड़ानें दोबारा शुरू, फेस शील्ड में यात्री तो पीपीई किट में दिखे फ्लाइट अटेंडेंट

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कोरोना वायरस के चलते देश लॉकडाउन के चौथे चरण से गुजर रहा है। ठीक 2 महीने बाद देश के अलग-अलग राज्यों में हवाई सफर दोबारा शुरू हो गया है। ऐसे में दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से भुवनेश्वर के लिए सुबह विस्तारा की फ्लाइट 6 बजकर 50 मिनट पर रवाना हुई।

फ्लाइट के यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग हुई। साथ ही एयरलाइन की तरह से सभी को फेस मास्क उपलब्ध कराए गए। साथ ही फ्लाइट अटेंडेंट पीपीई किट पहने दिखाई पड़े। एएनआई के अनुसार, इससे पहले 4 बजकर 45 मिनट पर पुणे के लिए सबसे पहली फ्लाइट रवाना होनी थी उसकी स्टेटस अभी नहीं मिल सका है।

डॉमेस्टिक एयरलाइंस के शुरू होने के बाद सोमवार सुबह दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 पर यात्रियों की लाइन देखी गई। दिल्ली एयरपोर्ट से चली फ्लाइट जब पुणे पहुंची तो एक यात्री ने कहा कि मैं यात्रा से पहले काफी नर्वस महसूस कर रही थी। लेकिन सभी यात्री सावधानी बरत रहे हैं। उन्होंने कहा, 'अभी कुछ ही यात्री विमान से सफर कर रहे हैं।'

तमिलनाडु के चेन्नई एयरपोर्ट पर भी विमानों की सेवा शुरू होने के बाद यात्रियों की लाइन लगी हुई देखी गई। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन कराया गया। चेन्नई में दिनभर में सिर्फ 25 यात्रियों को ही आने की इजाजत दी गई है। इसके अलावा मुंबई में भी सिर्फ 25 यात्री ही एक दिन में सफर कर सकेंगे।

वहीं, दिल्ली एयरपोर्ट पर किसी भी संक्रमण की रोकथाम और कम से कम संपर्क में आने के लिए अलग-अलग प्रवेश गेट पर 24 स्कैन एंड फ्लाई मशीन लगाई गई हैं। इनसे आप अपने ई बोर्डिंग पास को स्कैन कर बोर्डिंग पास की स्लिप पा सकते हैं। मोबाइल से स्कैन कर भी यह स्लिप मिल सकेगी। इसके अलावा काउंटर पर भी बैगेज ड्राप की सुविधा है। जहां एसएमएस से भी बैगेज टैग दिया जाएगा। सामाजिक दूरी के नियम बताने के लिए जगह-जगह पोस्टर लगाए गए हैं।

क्वारंटाइन पर केंद्र ने स्पष्ट की स्थिति

इससे पहले केंद्र ने हवाईयात्रियों को क्वारंटाइन किए जाने के मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट की थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी कर कहा कि राज्य यात्रियों को क्वारंटाइन करने के नियम खुद तय कर सकते हैं। मंत्रालय ने घरेलू उड़ानों, ट्रेन और बस यात्रा के लिए क्वारंटाइन गाइडलाइन जारी कर राज्यों और हवाई यात्रियों की मुश्किलें काफी हद तक दूर कर दीं। इसमें कहा गया है कि यात्रा की समाप्ति पर अगर यात्रियों में कोरोना के लक्षण मिलते हैं तभी उन्हें क्वारंटाइन किया जाए। लेकिन राज्य चाहें तो इसमें बदलाव कर स्वयं निर्णय ले सकते हैं किन्हें क्वारंटाइन करना है, किन्हें नहीं या फिर सभी यात्रियों को क्वारंटाइन करना है। राज्य सरकारें अपनी जरूरत के हिसाब से क्वारंटाइन और आइसोलेशन के प्रोटोकाल तय कर सकती है।