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कोटक महिंद्रा बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर उदय कोटक का सुझाव

चीन यदि दुनिया की 'फैक्ट्री' है तो भारत बन सकता है दुनिया का 'ऑफिस': उदय कोटक

कोटक महिंद्रा बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर उदय कोटक ने ट्वीट कर कहा कि चीन दुनिया का कारखाना है, भारत दुनिया का ऑफिस बन सकता है. उन्होंने कहा कि भारत में सभी सेक्टर में कम लागत में बेहतरीन प्रोफेशनल उपलब्ध हैं, इसलिए भारत में दुनिया का ऑफिस बनने की पूरी क्षमता है.

कोटक महिंद्रा बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर उदय कोटक का कहना है कि चीन ​यदि दुनिया की फैक्ट्री बना है तो भारत को हम दुनिया का ऑफिस बना सकते हैं. उन्होंने कहा कि भारत में सभी सेक्टर में कम लागत में बेहतरीन प्रोफेशनल उपलब्ध हैं, इसलिए भारत में दुनिया का ऑफिस बनने की पूरी क्षमता है.

क्या कहा उदय कोटक ने

उदय कोटक ने रविवार को ट्वीट कर कहा, 'चीन दुनिया का कारखाना है, भारत दुनिया का ऑफिस बन सकता है. गूगल अमेरिकी इंजीनियर्स को घर बैठकर काम करने के लिए 2 लाख डॉलर क्यों दे, जब उसे इसी काम के लिए भारत में बहुत सस्ते में लोग मिल सकते हैं. इसी तरह का मामला फाइनेंस एनालिस्ट, मार्केटिंग, आर्किटेक्ट आदि के लिए भी है. नई दुनिया नए अवसर पैदा करती है.'

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उन्होंने कहा, 'मैं नहीं मानता कि हमारे इंजीनियर किसी भी तरह से कमतर हैं. भारत विश्वस्तरीय मानव संसाधन पैदा कर सकता है. गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और कई अन्य कंपनियों के सीईओ भारतीय हैं.'

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चीन से बाहर जाने की तैयारी में कंपनियां

गौरतलब है कि इस बात की जोरशोर से चर्चा चल रही है कि कोरोना संकट के बाद अब दुनिया भर की कंपनियां चीन से अपना मैन्युफैक्चरिंग बेस हटाकर भारत सहित एशिया के दूसरे देश में शिफ्ट करना चाहती हैं. ब्लूमबर्ग की हाल की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत एक ऐसा लैंडपूल तैयार करने में लगा है, जो लग्जमबर्ग जैसे देश के दोगुने के बराबर होगा, ताकि चीन से आने वाले कारखानों को जगह दी जा सके.

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इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार ने इसके लिए करीब 4.61 लाख हेक्टेयर जमीन की पहचान कर ली है. इसमेंं गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश की करीब 1.15 लाख हेक्टेयर जमीन शामिल है. गौरतलब है कि लग्जमबर्ग यूरोप का एक देश है और इस पूरे देश का क्षेत्रफल महज 2.43 लाख हेक्टेयर है. इसके पहले एक रिपोर्ट आई थी कि कोरोना संकट की वजह से अमेरिकी टेक कंपनी ऐपल अपना करीब 20 फीसदी प्रोडक्शन चीन से हटाकर भारत ले जाने की तैयारी कर रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में कहा था कि देश में मैन्युफैक्चरिंग और देश में बनी वस्तुओं के उपभोग को बढ़ावा देकर भारत को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा.