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उत्तर प्रदेश के इन 8 आकांक्षी जिलों में 25 हजार शिक्षकों की भर्ती जल्द

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उत्तर प्रदेश के 8 आकांक्षी जिलों में शिक्षा का स्तर सुधारने की कवायद शुरू हो गई है। जल्द ही यहां रिक्त लगभग 25 हजार शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों के पदों को भरा जाएगा। राज्य योजना आयोग ने इन पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरने के निर्देश दिए हैं। 

योजना आयोग ने इन जिलों में युवा अधिकारियों व शिक्षकों की तैनाती के निर्देश भी हैं। राज्य योजना आयोग ने बेसिक शिक्षा को पत्र लिख कर कहा है कि इन रिक्त पदों को प्राथमिकता पर भरा जाए। इसके लिए रणनीति बनाई जाए और आयोग को इसकी सूचना दी जाए। नीति आयोग ने पूरे देश में 112 आकांक्षी जिलों को चुना है। ये देश के सबसे पिछड़े जिले हैं। इनमें यूपी के 8 जिले भी शामिल हैं। नीति आयोग इसकी मॉनिटरिंग करता है। आकांक्षी जिलों की रियल टाइम मॉनिटरिंग निजी संस्था के सहयोग से हो रही है। इसके बावजूद बुनियादी शिक्षा जैसे महकमे में पद खाली हैं।
 
लंबे समय से भर्ती अटकी
हालांकि इन पदों को भरने के लिए विभाग कोई अलग से रणनीति नहीं बना रहा है क्योंकि इन जिलों के रिक्त पदों को शामिल कर पहले से ही 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया चल रही है। विभाग 2018 से ही 69000 शिक्षक भर्ती कर रहा है। लेकिन अभी तक यह भर्ती हाईकोर्ट में लम्बित है। इसकी लिखित परीक्षा हो चुकी है। रिजल्ट निकलने के बाद विभाग शिक्षक पद के लिए मेरिट के हिसाब से तैनाती देगा। अभ्यर्थियों का आरोप है कि राज्य सरकार हाईकोर्ट में इस भर्ती की पैरवी मजबूत ढंग से नहीं कर रही है। अभ्यर्थियों ने महाधिवक्ता को हाईकोर्ट में तारीख पर मौजूद रहने के लिए खूब धरना-प्रदर्शन भी किया। 

स्कूली शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद ने बताया कि इन पदों को हम अंतरजनपदीय तबादलों और वर्तमान में चल रही भर्तियों से भरेंगे। अंतरजनपदीय तबादलों में हमने नियम बनाया है कि आकांक्षी जिलों से शिक्षक के तबादले तभी होंगे जब वहां उसकी जगह किसी और जिले से शिक्षक स्थानांतरित होकर आएगा। 

इतने पद हैं खाली-     
बहराइच    3226        
बलरामपुर    3803
चंदौली    2306
चित्रकूट    452
श्रावस्ती    2676
सिद्धार्थनगर    7025        
सोनभद्र     4778         
फतेहपुर    1864