अरविंद केजरीवाल के शपथ ग्रहण में शामिल होने के लिए सरकारी स्कूल के शिक्षकों को सर्कुलर जारी, बढ़ा विवाद
by Ankur Singhनई दिल्ली। दिल्ली के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से जिस तरह से आम आदमी पार्टी की जबरदस्त जीत हुई, उसके बाद दिल्ली के सरकारी स्कूल के शिक्षकों को लेकर एक निर्देश सामने आया था, जिसकी वजह से आम आदमी पार्टी की आलोचना हो रही है। दिल्ली के तमाम सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को यह निर्देश दिया गया था वह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हों। कांग्रेस और भाजपा ने सोशल मीडिया पर डायरेक्टोरेट ऑफ एजूकेशन की ओर से एक सर्कुलर को साझा किया था। इस सर्कुलर में तमाम स्कूल के शिक्षकों, प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल, हैप्पिनेस कोऑर्डिनेटर, शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह अरविंद केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हों।
कांग्रेस का तीखा हमला
सर्कुलर पर ओएसडी रवींदर कुमार के हस्ताक्षर हैं। जिसमे तमाम स्कूल के प्रिंसिपल को निर्देश दिया गया है कि वह 20 शिक्षकों की एक लिस्ट तैयार करें जो रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण में हिस्सा लेने आएंगे। कांग्रेस नेता मुकेश शर्मा ने सरकार के इस सर्कुलर को सत्ता का दुरुपयोग करार दिया है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल के शपथ ग्रहण का यह नया मॉडल है। सरकार ने सरकारी स्कूल के लिए सर्कुल जारी किया है। यानि कि भीड़ को सत्ता के गलत इस्तेमाल से इकट्ठा किया जा रहा है। उन्होंने दिल्ली के एलजी से इसका संज्ञान लेने की अपील की और तुरंत इसके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। ।
भाजपा ने बोला हमला
भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने भी इस मसले पर आम आदमी पार्टी के मुखिया को घेरा। उन्होंने कहा कि मुफ्त की योजनाओं के दम पर चुनाव जीतने के बाद आम आदमी पार्टी के मुखिया के पास विधायक तो हैं लेकिन लोगों का साथ नहीं है। अरविंद केजरीवाल इस बात को लेकर बहुत चिंतित हैं कि लोग उनके शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए नहीं पहुचेंगे, यही वजह है कि उन्होंने 30000 शिक्षकों को रामलीला मैदान पहुंचने के लिए कहा है।
मंत्रियों की लिस्ट जारी
बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोंविंद के शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर नियुक्त किया है। राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी एक नोटिफिकेशन के मुताबिक, प्रेसीडेंट ने सीएम केजरीवाल की सलाह पर छह विधायकों को भी दिल्ली सरकार में मंत्री नियुक्त किया है। अरविंद केजरीवाल के साथ 16 फरवरी को डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन, राजेंद्र गौतम शपथ लेंगे। ये सभी लोग सीएम केजरीवाल के बाद बारी-बारी शपथ लेते नजर आएंगे। 11 फरवरी को आए चुनाव नतीजों में आप ने 70 में 62 सीटों पर जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल किया था। 8 सीटों पर भाजपा को विजय मिली। कांग्रेस लगातार दूसरे विधानसभा चुनाव में खाता तक नहीं खोल सकी।
इस्तीफा स्वीकार
राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि अरविंद केजरीवाल को दिल्ली का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया है। वहीं एक अलग अधिसूचना में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ साथ मंत्रिपरिषद के इस्तीफे को तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है। हालांकि वह तब तक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करना जारी रखेंगे, जब तक कि नए मुख्यमंत्री की शपथ नहीं हो जाती है।
जीवनसंगी की तलाश है? भारत मैट्रिमोनी पर रजिस्टर करें - निःशुल्क रजिस्ट्रेशन!