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विजय माल्या का दावा: ईडी, सीबीआई बिना किसी वजह के मेरे पीछे पड़ी है

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शराब कारोबारी विजय माल्या ने दावा किया है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पिछले चार साल में उसके साथ अनुचित बर्ताव किया है। किंगफिशर एयरलाइन्स के पूर्व कर्ताधर्ता माल्या (64) 9000 करोड़ रुपए के कथित धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोपों में भारत के प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ अपील कर रहा है।

माल्या के वकीलों ने इस सप्ताह ब्रिटिश हाई कोर्ट में कहा कि वह विमानन उद्योग पर आई विपत्ति के शिकार रहा है और एयरलाइन, जो अब बंद हो चुकी है, के लिए कर्ज मांगने के पीछे उसका कोई छल-कपट का इरादा नहीं था। भारतीय अधिकारियों की ओर से पक्ष रख रही क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने दावों का खंडन करते हुए कहा कि माल्या के खिलाफ प्रथमदृष्टया मामला बनता है जिसमें उसे भारत की अदालतों में जवाब देना है।

माल्या ने गुरुवार (13 फरवरी) को लंदन में रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस में तीन दिन से अपील पर चल रही सुनवाई के अंत में संवाददाताओं से कहा, ''प्रवर्तन निदेशालय ने बैंकों की शिकायत पर संपत्तियों को कुर्क कर लिया कि मैं उनका भुगतान नहीं कर रहा। मैंने पीएमएलए के तहत ऐसा कोई अपराध नहीं किया है कि प्रवर्तन निदेशालय स्वत: संज्ञान लेते हुए मेरी संपत्तियों को कुर्क कर ले।"

उसने कहा, ''मैं कह रहा हूं कि बैंक कृपया अपना पैसा वापस लें। ईडी कह रही है, नहीं, हमारा इन संपत्तियों पर दावा है। इसलिए एक तरफ ईडी और दूसरी तरफ बैंक एक ही संपत्ति पर लड़ रही हैं। वे मेरे साथ चार साल से जो कर रहे हैं, वो पूरी तरह अनुचित है।" इस सप्ताह ईडी और सीबीआई के प्रतिनिधि अदालत में उपस्थित थे। उन्होंने मंगलवार को शुरू होकर गुरूवार को समाप्त हुईं अपीलों पर सुनवाई के दौरान नोट्स बनाए।

माल्या ने भारतीय बैंकों से उनका शत प्रतिशत मूल धन लेने के अपने संदेश को देहराया। उसने इस बात पर जोर दिया कि ऋण उसने नहीं, बल्कि किंगफिशर एयरलाइन्स ने लिया था। उसने कहा, ''मैं बैंकों से हाथ जोड़कर अनुरोध करता हूं कि अपना शत प्रतिशत मूल धन तत्काल वापस ले लें। मैं अपनी गारंटी का सम्मान करूंगा और उन्हें पूरा भुगतान करूंगा। मैं मूलधन में कोई छूट नहीं चाहता।"