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विषय पर पकड़ लेकिन कम्युनिकेशन और ग्रुप डिस्कशन में छंट रहे यहां के इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स

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भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों में स्मार्ट कम्युनिकेशन स्किल की कमी है। इस कारण काउंसिलिंग के दौरान इंटरव्यू सहित ग्रुप डिस्कशन में छंट जा रहे हैं। इंजीनियरिंग के अधिकांश छात्रों का विषय पर तो पकड़ है, मगर अंग्रेजी सहित कम्युनिकेशन स्कील काफी कमजोर है। सालभर में 18 कंपनियों में भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के 20 छात्रों को ही नौकरी मिल पायी है। वहीं औसतन पैकेज 3.50 लाख रुपये सालाना रहा है।
  
प्लेसमेंट सेल इंचार्ज सह सहायक प्राध्यापक अनीश कुमार ने बताया कि कंपनियां अब ऑनलाइन टेस्ट व इंटरव्यू ले रही हैं। इसके अलावा हिन्दी-अंग्रेजी में कम्युनिकेशन स्किल को परखती है। भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के कुछ छात्र तकनीकी रूप से तो मजबूत होते हैं, लेकिन खुद को इंटरव्यू बोर्ड के सामने सही से खुद को पेश नहीं कर पाते हैं। 

कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मणिकांत मंडल ने कहा कि छात्रों में योग्यता की कमी नहीं है। मल्टीनेशनल कंपनियां यहां आ नहीं पाती है। अगर कंपनियां यहां आए तो काफी प्रतिभाशाली छात्र हैं जिनका चयन हो सकता है।  छात्र सौरभ व रोशन ने कहा कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान अंग्रेजी की जानकारी तो मिलती है, लेकिन छात्र इसका सही से प्रयोग नहीं कर पाते हैं। 

हिन्दी माध्यम के छात्रों को सिखाया जाएगा अंग्रेजी 
इंजीनियरिंग कॉलेज में नामांकित 80 प्रतिशत छात्र हिंदी माध्यम के होते हैं। अंग्रेजी में कम्युनिकेशन स्किल बढ़ाने के लिए इंजीनियिरंग के छात्रों को स्पीकिंग कोर्स कराया जाएगा। संस्थान के चयन के लिए ओपेन टेंडर निकाला गया है। वहीं स्टूडेंट क्लब और थिंक्रिंग लैब के जरिये छात्रों के सोचने और समझने की शक्ति को बढ़ाया जा रहा है। टीसीएस से आए बीके वर्णवाल ने छात्रों को प्लेसमेंट और स्मार्टनेस के तरीकों से अवगत कराया। इसमें अच्छे अंक, कपड़े के साथ-साथ कम्युनिकेशन स्किल बेहतर करना और कंपनी की जरूरतों पर खरा उतरने की तकनीक को स्मार्टनेस बताया। बीके वर्णवाल ने छात्रों को इससे संबंधित जानकारी भी दी। 

15 प्रतिशत ही हुआ प्लेसमेंट 
चार सालों में औसत प्लेसमेंट 10-15 प्रतिशत ही हुआ है। इनका सलाना पैकेज 3.50 लाख रुपये ही रहा है। 2016 में 11, 2017 में 18, 2018 में सात और 2019 में 26 छात्रों का चयन हुआ है। जबकि 330 के करीब छात्र सिविल, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में पढ़ाई करते हैं।