कार या बाइक खरीदने वाले हो जाएं अलर्ट? 31 मार्च के बाद बदल रहा नियम
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अगर आप कार या बाइक खरीदने की सोच रहे हैं तो आपके लिए एक जरूरी खबर है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर कहा है कि 31 मार्च 2020 के बाद BS4 वाहन नहीं बिकेंगे. शुक्रवार को कोर्ट ने ये बात ऑटोमोबाइल डीलर्स की याचिका को खारिज करते हुए कही.
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कहने का मतलब ये है कि अगर आप नई कार या बाइक खरीदने जा रहे हैं तो BS नंबर को लेकर अलर्ट रहें. वहीं अगर कोई सेकेंड हैंड भी गाड़ी खरीद रहा है तो उसके BS इंजन का ध्यान रखना होगा. वर्ना आपको BS4 से BS-6 में अपग्रेड कराने पड़ सकते हैं. इस अपग्रेडेशन में 10 हजार से 20 हजार रुपये तक का खर्च आने की संभावना है.
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क्या है BS वाहन का मतलब? जब भी गाड़ी की बात होती है तो उससे जुड़े एक नाम 'BS' का भी जिक्र होता है. दरअसल, बीएस का मतलब भारत स्टेज से है. यह एक ऐसा मानक है जिससे भारत में गाड़ियों के इंजन से फैलने वाले प्रदूषण को मापा जाता है.
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इस मानक को भारत सरकार ने तय किया है. वहीं बीएस के आगे नंबर (बीएस-3, बीएस-4, बीएस-5 या बीएस-6) भी लगता है. बीएस के आगे नंबर के बढ़ते जाने का मतलब है उत्सर्जन के बेहतर मानक, जो पर्यावरण के लिए सही हैं.
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आसान भाषा में समझें तो बीएस के आगे जितना बड़ा नंबर लिखा होता है उस गाड़ी से उतने ही कम प्रदूषण होने की संभावना होती है. बहरहाल, आगामी 1 अप्रैल से बीएस-6 वाहन को अनिवार्य कर दिया गया है.
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इस मानक की गाड़ी से प्रदूषण बेहद कम होने की उम्मीद है. इसी को ध्यान में रखकर अब ऑटो कंपनियां बीएस-6 गाड़ियां लॉन्च कर रही हैं.
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इस बीच, ऑटो कंपनियां BS-4 वाहन के स्टॉक को खाली करने के लिए बंपर डिस्काउंट और ऑफर्स दे रही हैं. हालांकि, इस ऑफर्स के चक्कर में गाड़ी खरीदने से आपकी परेशानी बढ़ सकती है.