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हर संपत्ति की होगी यूनिक आईडी, घर बैठे ऑनलाइन देख सकेंगे सारा रिकॉर्ड

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जियोग्राफिक इंफोरमेशन सिस्टम (जीआईएस) बेस्ड केंद्रीयकृत मास्टर प्लान-2031 में गाजियाबाद के हर आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियों की डिजिटल पहचान होगी। इन सभी की एक यूनिक आईडी होगी। इस यूनिक आईडी से घर बैठकर ऑनलाइन संपत्तियों का भू-उपयोग समेत पूरा ब्योरा देखा जा सकेगा। यह मास्टर प्लान 25 लेयर में बनेगा। मास्टर प्लान तैयार कर रही एजेंसी ने गुरुवार को अपनी दूसरी रिपोर्ट जीडीए में दी। इसमें खामियां देखकर नाराज जीडीए उपाध्यक्ष ने सभी विभागों से संपर्क कर विस्तृत रिपोर्ट दो दिन में देने के निर्देश दिए हैं।

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के सभाकक्ष में गुरुवार को मास्टर प्लान 2031 तैयार करने वाली केंद्र सरकार की एजेंसी डीडीएफ सलाहकार (कंसलटेंट) ने दूसरी रिपोर्ट सौंपी और प्रजेंटेशन भी दिया। इसमें एजेंसी ने मुरादनगर-मोदीनगर के मास्टर प्लान पर काम किया है, लेकिन अब तक की रिपोर्ट में स्थानीय विभागों की भविष्य की योजनाओं को शामिल नहीं किया है। ऐसे ही गाजियाबाद-डासना और लोनी क्षेत्र के मास्टर प्लान का काम सर्वे शीट नहीं मिलने के कारण शुरू तक नहीं हो सका। गाजियाबाद का नया मास्टर प्लान सेटेलाइट इमेजिंग सर्वे के आधार होगा। इसलिए केंद्र की ओर से इसरो की सहायक नेशनल रिमोट सेंसिंग एजेंसी (एनआरएसए) से आंकड़ा लिया जाएगा। एजेंसी जीआईएस बेस्ड जनपद के विभिन्न क्षेत्रों का सेटेलाइट से ब्योरा एकत्रित कर रही है। इस कारण एजेंसी को हर एक संपत्ति का जमीनी सर्वे करना है। फिर 270 दिन में एजेंसी जीडीए को नक्शा और ग्राफ सहित पूरा ग्रिड मैप सौंपेना होगा। इस मैप में विभिन्न प्रकार की संपत्तियों का सिलसिलेवार ब्योरा होगा।

एक क्लिक पर 25 सुविधाएं

जीआईएस बेस्ड मास्टर प्लान-2031 में शहरवासियों को 25 सुविधाओं की एक क्लिक पर जानकारी मिलेंगी। इसमें ऑनलाइन ग्रामीण आबादी, नगरीय निर्मित क्षेत्र उच्च घनत्व, आवासीय मध्यम घनत्व, मुख्य व्यावसायिक क्षेत्र, उप-नगरीय वाणिज्यिक, थोक वाणिज्यिक केंद्र, हल्का व लघु उद्योग, सरकारी कार्यालय, सामुदायिक सुविधाएं, संस्थागत क्षेत्र, हरित क्षेत्र, क्षेत्रीय मनोरंजन, पार्क व खेल मैदान आदि हैं।

540 दिन में तैयार होगा

मास्टर प्लान 540 दिन में तैयार होगा। 55 दिन बाद एजेंसी ने प्रारंभिक रिपोर्ट जीडीए को सौंपी। 450 दिन में मोदीनगर-मुरादनगर का प्लान तैयार होगा। इसमें एजेंसी को 150 में डाटा कलेक्शन के लिए टाइम दिया है। जबकि 270 दिन में डाटा का विश्लेषण करके रिपोर्ट बनाकर देनी होगी। 540 दिन पूरा होने के बाद सारी सौंपनी होंगी।

मास्टर प्लान में जमीन का दायरा बढ़ाया जाएगा

मास्टर प्लान में जमीन का दायरा बढ़ेगा। 2021 के मास्टर प्लान में 470 स्क्वायर किलोमीटर जमीन को लिया गया था, अब नए मास्टर प्लान करीब 50 स्क्वायर किलोमीटर और बढ़ने की संभावना है। मास्टर प्लान में आवासीय, औद्योगिक क्षेत्र, हरित पट्टियां, पार्क समेत अन्य क्षेत्रों को चिह्नित किया जाएगा। फिर जोनल प्लान भी तैयार होंगे।

लोगों को सुविधा होगी

मास्टर प्लान-2031 में हर संपत्तियों, घर, दुकान आदि को एक यूनिक आईडी मिलेगी। यूनिक आईडी के जरिये हर संपत्ति के भू-उपयोग, बकाया सहित अन्य जानकारियां घर बैठकर प्राप्त किया जा सकेगा। वहीं, भू-उपयोग समेत अन्य जानकारी भी मिलेगी। लोगों को प्राधिकरण के चक्कर काटने से छुटकारा मिल सकेगा।

''मास्टर प्लान 2031 की दूसरी रिपोर्ट एजेंसी ने सौंपी है। इसमें कई खामियां हैं। इन्हें दूर कर दो दिन में डाटा के साथ सौंपने को कहा है। साथ ही विभिन्न विभागों की भविष्य की योजनाएं भी शामिल करने के निर्देश दिए हैं। नए मास्टर प्लान में हर संपत्ति की एक यूनिक आईडी होगी। इससे लोगों को फायदा होगा।'' -कंचन वर्मा, उपाध्यक्ष, जीडीए