उमर की हिरासत का आधार क्या? बहन की याचिका पर SC का सरकार को नोटिस
सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सारा अब्दुल्ला की याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने उमर अब्दुल्ला को हिरासत में लिए जाने पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.
- सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को नोटिस
- उमर अब्दुल्ला की हिरासत में नोटिस
- सारा अब्दुल्ला ने दायर की थी याचिका
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की हिरासत को कई महीने हो गए हैं. इसके खिलाफ उनकी बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसपर अब अदालत ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान अदालत में हिरासत में लिए जाने का कारण पूछा और 2 मार्च तक जवाब दाखिल करने को कहा. अदालत ने केंद्र के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर प्रशासन को भी जवाब देने के लिए कहा है.
उमर अब्दुल्ला की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल पेश हुए. कपिल सिब्बल ने कहा है कि लंबे समय से उमर अब्दुल्ला को हिरासत में रखा गया है, जिसपर अदालत ने इसका आधार पूछा है. कपिल सिब्बल ने जवाब में कहा कि लोक सुरक्षा कानून के मुताबिक उन्हें नज़रबंदी में रखा गया है.
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हालांकि, अदालत ने उमर अब्दुल्ला को तुरंत रिहा करने से इनकार कर दिया है. कपिल सिब्बल के द्वारा बार-बार अपील की जा रही थी, लेकिन अदालत ने इस अपील को टाल दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप लंबे समय से हिरासत में हैं, कुछ और समय इंतजार कर सकते हैं. कपिल सिब्बल से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा क्या इस रिहाई के लिए हाई कोर्ट में कोई अपील की गई है?
अदालत में सुनवाई खत्म होने के बाद उमर अब्दुल्ला की बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने भी बयान दिया. उन्होंने कहा कि हम उस दिन का इंतजार कर रहे हैं, जब कश्मीरी नागरिकों को भारत के अन्य नागरिकों की तरह अधिकार मिलेंगे.
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गौरतलब है कि 5 अगस्त 2019 को जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया गया तब एहतियात के तौर पर उमर अब्दुल्ला को हिरासत में लिया गया था. तब उमर अब्दुल्ला को CRPC की धारा 107 के तहत हिरासत में लिया गया था. जिसके तहत 6 महीने उन्हें हिरासत में रखा जा सकता है. लेकिन पांच फरवरी को अवधि खत्म हुई और फिर उनपर PSA लगा दिया गया.