विश्वसनीयता पर सवाल / आर्थिक सर्वेक्षण में पहली बार विकीपीडिया से आंकड़े लिए गए, सोशल मीडिया यूजर्स ने पूछा- क्या वॉट्सऐप से भी लेंगे?

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Dainik Bhaskar

Jan 31, 2020, 10:55 PM IST

नई दिल्ली. शुक्रवार को पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 में कुछ आंकड़े विकीपीडिया से भी लिए गए हैं। इससे सर्वेक्षण के आंकड़ों की विश्वसनीयता को लेकर सवाल खड़े हुए हैं। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने सरकार से सवाल किया है कि क्या इसके बाद वॉट्सऐप पर वायरल होने वाले आंकड़ों को भी सर्वेक्षणों में शामिल किया जाएगा।

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वे में विकीपीडिया के अलावा ब्लूमबर्ग, इक्रा, सीएमआईई, आईआईएम-बेंगलुरु, फोर्ब्स और बीएसई जैसे निजी संस्थानों के भी आंकड़े लिए गए हैं। विकीपीडिया फाउंडेशन मुफ्त ऑनलाइन एन्साइक्लोपीडिया चलाता है। दुनियाभर के लोग इसमें खुद इन्फॉर्मेशन डालते और एडिट करते हैं। इन्फॉर्मेशन को कोई भी व्यक्ति एडिट कर सकता है, इसलिए इसे भरोसेमंद जरिया नहीं माना जाता है।

150-151 पेज पर विकीपीडिया का जिक्र
आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट में 150 और 151 पेज पर विकीपीडिया का जिक्र है। यह जिक्र दुनिया की टॉप-100 बैंकों में भारतीय बैंकों की हिस्सेदारी से जुड़े आंकड़े में आया। देश की जीडीपी और टॉप-100 में शामिल बैंकों से जुड़े आंकड़े में भी सोर्स विकीपीडिया बताया गया है।

इन भरोसेमंद संस्थाओं से भी आंकड़े लिए गए
इकोनॉमिक सर्वे में हेरिटेज डॉट ओआरजी, फ्रेजर इंस्टीट्यूट डॉट ओआरजी और एंबिट कैपिटल से भी आंकड़े लिए गए हैं। आईएमएफ, वर्ल्ड बैंक, रिजर्व बैंक, कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय, इनसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी बोर्ड, सिबिल, एनएसएसओ, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय, यूएन और सिडबी से भी आंकड़े जुटाए गए हैं। सर्वे में भगवद गीता, ऋगवेद, कौटिल्य के अर्थशास्त्र, तमिल संत तिरुवल्लुवुर की शिक्षाओं ‘द तिरुकुरल’ और एडम स्मिथ की किताब ‘एन इंक्वायरी इन टू नेचर एंड कॉजेज ऑफ द वेल्थ ऑफ नेशंस’ के उद्धरण भी दिए गए हैं।