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कोरोना वायरस का खतरा: सभी तरह के मास्क निर्यात पर केंद्र ने लगाया बैन

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सरकार ने वायु में फैले सूक्ष्म कणों से व्यक्ति की सुरक्षा के लिए धारण किए जाने वाले सभी तरह के मास्क के निर्यात पर शुक्रवार (31 जनवरी) को प्रतिबंध लगा दिया। इसमें इस प्रयोजन में प्रयोग किए जाने वाले वस्त्र और उपकरण भी शामिल हैं। यह पाबंदी अगले आदेश तक लागू रहेगी। चीन में कोरोना वायरस फैलने के बाद इस तरह के उत्पादों की मांग बढ़ने की संभावना देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है।

उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस से चीन में अब तक 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है जबकि इससे प्रभावित लोगों की संख्या करीब 10,000 तक पहुंच गयी है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना जारी कर कहा, ''वायु प्रदूषकों से रक्षा के लिए उपयोग होने वाले मास्क और कपड़ों समेत निजी सुरक्षा में प्रयोग किए जाने वाले इस प्रकार के सामानों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।"

इसमें एन95 मास्क समेत अन्य सभी तरह के सुरक्षा मास्क और कपड़े के रुमाल इत्यादि शामिल हैं। इनके निर्यात पर अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है। एक अन्य आदेश में डीजीएफटी ने चीन से कागज के आयात पर भी रोक लगा दी है। इसके अलावा सरकार ने चीन के वुहान से भारतीयों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए शुक्रवार को दिल्ली से एयर इंडिया के बी-747 को रवाना कर दिया है। इस विमान में 423 सीटें हैं। करीब 400 भारतीयों को वहां से सुरक्षित बाहर निकाले जाने की संभावना है।

शुक्रवार (31 जनवरी) सुबह एअर इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अश्विनी लोहानी ने कहा कि विमान के भीतर यात्रियों को कोई सेवा नहीं दी जाएगी। यात्रियों और चालक दल के सदस्यों के बीच कोई संपर्क नहीं होगा। उन्हें जो भी खाना इत्यादि दिया जाएगा, वह पहले से उनके सीट के पॉकेट में रख दिया जाएगा। यात्रियों और चालक दल के सदस्यों के लिए मास्क की भी व्यवस्था कर ली गई है। सरकार ने चीन के हुबेई प्रांत में फंसे 600 से अधिक भारतीयों से स्वदेश वापसी के लिए संपर्क किया है।