https://www.livehindustan.com/static/images/default-images/default-image640x360.jpg

केजरीवाल बोले- दुख है की निर्भया के दोषी कानून के दांव पेंच ढूंढ कर टाल रहे है फांसी

by

दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार (31 जनवरी) को निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड के चार मुजरिमों की मृत्यु के वारंट की तामील अगले आदेश तक स्थगित कर दी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धमेंद्र राणा ने चारों दोषियों की अर्जी पर यह आदेश जारी किया। ये चारों एक फरवरी को फांसी पर अमल पर स्थगन की मांग कर रहे थे।

निर्भया के मुजरिमों की फांसी रुकने को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट में लिखा कि-  'मुझे दुख है की निर्भया के अपराधी कानून के दांव पेंच ढूंढ कर फांसी को टाल रहे है। उनको फांसी तुरंत होनी चाहिए। हमे हमारे कानून में संशोधन करने की सख्त जरूरत है ताकि रेप के मामलों में फांसी 6 महीने के अंदर हो।'

इस आदेश के साथ ही यह तय हो गया कि निर्भया के गुनहगारों को 1 फरवरी को फांसी नहीं होगी। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने यह फैसला सुनाया।  तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने फांसी की सजा पर रोक लगाने के तीन दोषियों के अनुरोध वाली याचिका की सुनवाई को दिल्ली की एक अदालत में चुनौती दी थी।

दोषी अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा और पवन गुप्ता के वकील एपी सिंह ने कोर्ट से कहा कि ये दोषी आतंकवादी नहीं हैं। वकील ने जेल मैनुअल के नियम 836 का हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि ऐसे मामले में जहां एक से अधिक लोगों को मौत की सजा दी गई है, वहां दोषियों को तब तक फांसी की सजा नहीं दी गई है जब तक उन्होंने अपने कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल ना कर लिया हो।