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सुप्रीम कोर्ट ने दिए आदेश-शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता का ब्यौरा दें Himachal Govt

15 हजार शिक्षकों के भविष्य का सवाल

नई दिल्ली। हिमाचल में तैनात अस्थायी शिक्षकों की नियुक्तियों को चुनौती देने वाले मामले की सुप्रीम कोर्ट ( Supreme court) में सुनवाई पूरी हो गई है। कोर्ट ने इस मामले में हिमाचल सरकार( Himachal Govt) से एक सप्ताह के अंदर सभी श्रेणियों के शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता(Educational Qualifications) का ब्यौरा देने के आदेस दिए हैं साथ ही इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा है। सुप्रीम कोर्ट में पीटीए की ओर से अधिवक्ता सीएम सुंदरम, पैट की ओर से अधिवक्ता मनिंद्र सिंह और पैरा के प्रतिवादी राममूर्ति की ओर से अधिवक्ता एसएन भट्ट ने अपना पक्ष रखा। कोर्ट में सुनवाई के दौरान सर्विस रूल 1973 को लेकर भी विस्तृत चर्चा हुई। सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद प्रदेश सरकार को सभी स्थायी और अस्थायी शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता का ब्योरा देने के आदेश दिए।

जाहिर है हिमाचल प्रदेश पीटीए पैट, पैरा और जीवीयू के 15 हजार शिक्षकों का भविष्य कोर्ट के निर्णय पर टिका है। संभावित है कि हिमाचल सरकार से जानकारी के मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट फरवरी के तीसरे हफ्ते तक अपना फैसला सुनाएगा। पीटीए, पैट और पैरा शिक्षक बीते कई वर्षों से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं।

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