निर्भया केस: तिहाड़ जेल में तैयारी तेज, डमी को फांसी देकर पूरी की गई प्रैक्टिस
by लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीनिर्भया मामले में 1 फरवरी को गुनेहगारों को फांसी होनी है। ऐसे में तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि जेल में मानवरूपी पुतलों को फांसी देकर प्रैक्टिस कर ली गई है।
निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस में मौत की सजा पाए दोषी पवन गुप्ता की याचिका को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। पवन गुप्ता ने नाबालिग होने के अपने दावे को खारिज करने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट से पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था। आपको बता दें कि दिल्ली की निचली अदालत द्वारा जारी नए डेथ वारंट के मुताबिक, निर्भया रेप केस के सभी दोषियों को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी दी जानी है।
हत्या मामले में फांसी की सजा पाए चार दोषियों में शामिल दोषी अक्षय को गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा। सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया कांड में दोषी अक्षय की क्यूरेटिव याचिका खारिज कर दी। दोषी अक्षय कुमार ठाकुर द्वारा दायर क्यूरेटिव पिटिशन में कहा गया था कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर जन दबाव और जनता की राय के चलते अदालतें सभी समस्याओं के समाधान के रूप में फांसी की सजा सुना रही हैं। न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति आर भानुमती और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने क्यूरेटिव पिटिशन की सुनवाई की। बता दें कि क्यूरेटिव पिटिशन किसी दोषी के पास अदालत में अंतिम कानूनी उपाय है।
दोषी अक्षय (31) ने कहा था कि अपराध की बर्बरता के आधार पर शीर्ष न्यायालय द्वारा उसके अनुरूप मौत की सजा के सुनाने से इस न्यायालय की और देश की अन्य फौजदारी अदालतों के फैसलों में असंगतता उजागर हुई हैं। इन अदालतों ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर जन दबाव और जनता की राय को देखते हुए सभी समस्याओं के समाधान के रूप में मौत की सजा सुनाई हैं।
मामले में दो अन्य दोषियों- विनय कुमार शर्मा और मुकेश कुमार सिंह द्वारा दायर क्यूरेटिव याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है। चौथे दोषी पवन गुप्ता ने क्यूरेटिव याचिका दायर नहीं की है, उसके पास अब भी यह विकल्प है।