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उर्मिला मातोंडकर बोलीं- 1919 में खत्म हुआ World War II तो लोगों ने किया बुरी तरह ट्रोल

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की उम्मीदवार रहीं अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर इन दिनों अपने एक बयान के चलते सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रही हैं। दरअसल उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध करते हुए कहा कि सन 1919 में द्वीतीय विश्व युद्ध समाप्त होने के बाद भारत में सामाजिक असंतोष बढ़ रहा है इसलिए वे रॉलेट एक्ट लेकर आए। 1919 से उस कानून को और नागरिकता संशोधन कानून को इतिहास में काले कानून के रूप में दर्ज किया जाएगा। यहां उर्मिला ने रॉलेट एक्ट की तारीख तो सही बताई लेकिन द्वीतीय विश्व युद्ध का अंत 1919 बता दिया जो कि गलत है। दरअसल 1919 में तो पहले विश्व युद्ध समाप्त हुआ था। 

ऐसे में उर्मिला अपनी इस भूल के लिए सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल हो रही हैं। लोग कह रहे हैं कि सीएए पर अपना विचार रखने से पहले बेहतर हो उर्मिला इतिहास पढ़कर आएं। एक अन्य यूजर ने लिखा कि 'उर्मिला होमवर्क करके तो आईं थीं लेकिन स्टेज पर कुछ याद नहीं रहा'।

वहीं सीएए की तुलना रॉलेट से करने पर @NNNNiraj यूजर ने लिखा कि रॉलेट एक्ट नागरिकता से संबंधित कानून नहीं था इसलिए इसे CAA से जोड़ कर नही देखा जाना चाहिए। और उर्मिला मातोंडकर को कोई ऐसे- वैसे न बोले उन्हें इतिहास या कानून का ज्यादा ज्ञान नही होगा क्योकि उनका क्षेत्र अभिनय का है उन से केवल अभिनय की उम्मीद की जा सकती है।

क्या है रॉलेट एक्ट?

ये कानून सर सिडनी रौलेट की अध्यक्षता वाली सेडिशन समिति  की सिफारिशों के आधार पर 1919बनाया गया था। इसके अनुसार ब्रिटिश सरकार को यह अधिकार प्राप्त हो गया था कि वह किसी भी भारतीय पर अदालत में बिना मुकदमा चलाए उसे जेल में बंद कर सके। इस कानून के तहत अपराधी को उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने वाले का नाम जानने का अधिकार भी समाप्त कर दिया गया था। इस कानून के विरोध में देशव्यापी हड़तालें, जूलूस और प्रदर्शन होने लगे।