JNU Fee Hike: राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च कर रहे जेएनयू छात्रों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज
by लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीजेएनयू यानी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र एक बार फिर से फीस वृद्धि के मुद्दे पर सड़क पर उतरे हुए हैं। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र राष्ट्रपति से मुलाकात करने की मांग करते हुए राष्ट्रपति भवन तक मार्च कर रहे हैं। मार्च में शामिल छात्रों पर लाठी चार्ज करने की भी खबरें हैं। बता दें कि छात्र राष्ट्रपति से छात्रावास फीस वृद्धि के मुद्दे पर हस्तक्षेप करने की मांग की है। बता दें कि राष्ट्रपति जेएनयू के विजीटर भी हैं। मार्च के मद्देनजर जेएनयू के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इतना ही नहीं, जेएनयू में फीस वृद्धि के खिलाफ सड़क पर उतरे छात्रों के प्रदर्शन के मद्देनजर तीन मेट्रो स्टेशन केंद्रीय सचिवालय, लोक कल्याण मार्ग और उद्योग भवन मेट्रो स्टेशन पर एग्जिट और एंट्री को बंद कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि फीस वृद्धि के मुद्दे पर जेएनयू के छात्र राष्ट्रपति से मिलने के लिए राष्ट्रपति भवन की ओर निकल चुके हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मार्च में शामिल छात्रों पर पुलिस ने लाठी चार्ज भी किया है।
राष्ट्रपति भवन की तरफ मार्च कर रहे जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों को पुलिस ने भीकाजी कामा प्लेस मेट्रो स्टेशन के पास रोक लिया और उन पर लाठीचार्ज किया। छात्रावास शुल्क वृद्धि के खिलाफ छात्रों के मार्च से पहले काफी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। छात्र जब घेराबंदी वाले क्षेत्र में पहुंचे तो उन्होंने बैरीकेड को पार करने का प्रयास किया जिसके बाद पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया।
गौरतलब है कि छात्रों ने तस्वीरें दिखाकर दावा किया कि पुलिस ने जेएनयू के सभी प्रवेश द्वारों को बंद कर दिया है। यातायात पुलिस ने बताया कि जेएनयू तक जाने वाली सड़कों को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। दिल्ली यातायात पुलिस ने बताया कि छात्रों के प्रदर्शन और लंबे मार्च के कारण बाबा गंगनाथ मार्ग पर यातायात की आवाजाही बंद है।
जेएनयू छात्र छात्रावास की फीस बढ़ाए जाने के खिलाफ एक महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्होंने प्रशासन की बार-बार चेतावनियों के बावजूद आगामी सेमेस्टर परीक्षाओं का बहिष्कार करने का भी आह्वान किया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जेएनयू में सामान्य कामकाज बहाल करने और प्रदर्शनरत छात्रों तथा प्रशासन के बीच मध्यस्थता करने के तरीकों को तलाश करने के लिए तीन सदस्यीय समिति भी गठित की है। समिति ने मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है।